हिमाचल कांग्रेस: सामने आए मनभेद और राजनीतिक समीकरण के बदलाव

    हिमाचल कांग्रेस में अभी भी कुछ ठीक नहीं है; मनभेद सामने आए हैं, राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं

शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट  

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में अभी भी बहुत कुछ बदला गया है। मनभेद एक बार फिर प्रकट हुए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बुधवार को कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान का मुद्दा उठाकर सरकार को बचाने का दावा किया। पार्टी हाईकमान के आदेशों के बावजूद प्रतिभा सिंह का साहस कम नहीं हुआ है।


 

कांग्रेस हाईकमान को लोकसभा चुनाव से पहले प्रतिभा सिंह के बदले रुख से निराशा हुई है। जयराम सरकार के समय मंडी संसदीय क्षेत्र से उपचुनाव जीतने वाली प्रतिभा सिंह ने अब चुनाव मैदान से पीछे हटने की घोषणा की, जिससे मंडी में राजनीतिक समीकरण भी बदल गए हैं। कांग्रेस ने पहले ही हमीरपुर, कांगड़ा और शिमला में मजबूत प्रत्याशियों की खोज की है। 

दिसंबर 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद से, कांग्रेस के दो हिस्सों में एक ठोस संघर्ष जारी है। प्रतिभा सिंह ने सरकार के साथ विवाद और असंतोष व्यक्त किए हैं, क्योंकि हॉलीलॉज, पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह का निजी निवास, प्रदेश में कई वर्षों तक कांग्रेस की सत्ता रही है।  

सांसदों ने सार्वजनिक मंचों से लेकर पार्टी प्रमुख के समक्ष अपने समर्थकों को सरकार में नियुक्तियां नहीं मिलने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। वे सरकार को भी अयोग्य घोषित कांग्रेस के छह विधायकों के बागी होने के लिए जिम्मेदार ठहरा चुकी हैं। अब लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी तय होने से एकाएक पहले प्रतिभा सिंह ने मंडी सीट से चुनाव नहीं लड़ने का एलान कर पार्टी को बड़ी परेशानी में डाल दिया है। 

कांग्रेस को वर्तमान सांसद की जगह नया प्रत्याशी खोजने का नया प्रयास करना पड़ा है। हाल ही में, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पुत्र और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सरकार के खिलाफ मुखर होकर पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री के साथ चलकर विक्रमादित्य सिंह ने सरकार को पूरी तरह से मजबूत करने के बारे में भी कहा। प्रतिभा के चुनाव में भाग नहीं लेने के बाद बदली राजनीतिक परिस्थितियों में उनका अगला कदम क्या होगा? इसके बारे में कई संदेह हैं। 

एक साल से प्रतिभा मंडी संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं। यहां उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह (कैबिनेट मंत्री) भी लगातार दौरे करते रहे हैं। प्रतिभा सिंह के चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद विक्रमादित्य का मंडी में क्या रुख रहेगा? इस पर भी ध्यान है। उधर, प्रतिभा सिंह ने सुक्खू सरकार को बहुमत में रखने के लिए पूरा ध्यान उपचुनावों पर लगाने का दावा करते हुए खुद को पार्टी के प्रति समर्पित नेता दिखाने का प्रयास किया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने प्रतिभा सिंह की आने वाली कार्यप्रणाली पर ध्यान दिया है। प्रतिभा सिंह की अस्वीकृति के बाद मंडी सीट पर भाजपा का प्रत्याशी चुनाव भी बदल गया है। 

अब भाजपा यहां प्रत्याशी को लेकर फिर से विचार करेगी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को प्रत्याशियों के पैनल सिर्फ कांग्रेस से प्रतिभा की उम्मीदवारी को लक्षित करने के लिए भेजे गए हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने घोषणा की कि वह चुनाव में भाग नहीं लेंगी। भाजपा भी प्रत्याशी चयन प्रक्रिया में बदलाव देखेगी अगर कांग्रेस हाईकमान उन्हें चुनाव मैदान में नहीं उतारता है। भाजपा मंडी का टिकट देरी हो सकती है। प्रदेश भाजपा ने हिमाचल जयराम ठाकुर, अजय राणा और बिहारी लाल शर्मा का नाम मांगा है। 

वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता के कारण लगता है कि जयराम ठाकुर संभवतः उम्मीदवार नहीं होंगे। राज्य की राजनीति में ही उन्हें सक्रिय रखा जा सकता है।  बिहारी लाल शर्मा और अजेय राणा के नाम चर्चा में हैं। ब्रिगेडियर खुशाल चंद, अजय जम्वाल और पूर्व सांसद महेश्वर सिंह भी चर्चा में हैं। कांग्रेस के बागियों की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण कांगड़ा में भी भाजपा के टिकट का विवाद चल रहा है। भाजपा यहां से सुधीर शर्मा पर विचार कर सकती है, ऐसा कहा जाता है, लेकिन सुधीर ने अभी तक नहीं बताया कि भाजपा ने उनसे इस बारे में कुछ कहा है या नहीं। 

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