हिमाचल में चुनाव में सुरक्षा का कोई मुद्दा नहीं, महिला अपराध बढ़े

                    हिमाचल प्रदेश में चुनाव में सुरक्षा का कोई मुद्दा नहीं, लेकिन महिला अपराध में वृद्धि

शिमला, ब्यूरो रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में तेजी आई है। जनहित के मुद्दों को लेकर नेताओं ने जनता के बीच जाना शुरू कर दिया है। पार्टी के नेता लोगों को रिझाने के लिए हर उपाय करना चाहते हैं। सियासी दल और नेता स्वास्थ्य, बेरोजगारी, कर्मचारी और बागवानी जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन देवभूमि में महिला सुरक्षा का मुद्दा एक ऐसा ही "गौण" है। 


पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि प्रदेश में महिला अपराध बढ़ रहे हैं। 2014 में सूबे में 284 दुष्कर्म मामले दर्ज हुए थे, लेकिन 2023 में 344 हो गए। 2024 तक यह संख्या 51 हो जाएगी। 2014 में महिला अपहरण के 243 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2023 में 344 हो गए। अब तक 56 मामले दर्ज हुए हैं।




 इन आंकड़ों से महिला सुरक्षा को लेकर जो चित्र सामने आ रहा है, वह संतोषजनक नहीं है। प्रदेश की सरकार जो भी हो, महिला अपराध पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। मंडी से भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में पहली बार महिला प्रत्याशी कंगना रणौत को उतारा है। 

कांग्रेस भी एक महिला को चुनाव मैदान में उतारने का लक्ष्य रखती है। ऐसे में महिला सुरक्षा का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। प्रदेश में दहेज प्रताड़ना के मामले घटे हैं। 2014, 2019 और 2017 में दो-दो मामले दर्ज हुए, जबकि 2017, 2018, 2020, 2022, 2023 में एक-एक मामला दर्ज हुआ। 2015 तक, 2021 तक और 2024 तक कोई मामला नहीं आया है। सरकार ने महिलाओं के लिए भी कार्यक्रम बनाए हैं।


 इस बजट में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना, मुख्यमंत्री सुख आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना, महिला थाने, महिला आरक्षण और सामाजिक सुरक्षा, महिला बाल और अन्य पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए 2 हजार 457 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। 

महिलाओं के मुद्दों को हल करने के लिए अलग-अलग थाने हैं: प्रदेश सरकार ने महिलाओं की शिकायतों को सुनने के लिए अलग-अलग थाने बनाए हैं। इन थानों में अधिकांश महिला कांस्टेबल हैं। ऐसे में महिलाएं अपने सामान को बेझिझक संभाल सकती हैं। हिमाचल प्रदेश में गुड़िया कांड ने लोगों को बेहोश कर दिया था। सीबीआई मामले को ले गया। सीबीआई की टीम भी महीनों तक हिमाचल में थी। 

हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराध में भी महिलाएं निशाने पर हैं। महिलाएं साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। ऐसी दर्जनों शिकायतें साइबर थानों में दर्ज हैं।  प्रदेश में भाजपा की एक महिला विधायक है। पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रीना कश्यप ने कई बार विधानसभा में महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को उठाया है।

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