विधानसभा उपचुनाव: भाजपा को चुनावी चुनौतियों का सामना करना होगा

                        भाजपा को विधानसभा उपचुनाव में कठिन चुनौतियों से गुजरना होगा

काँगड़ा , ब्यूरो रिपोर्ट 

बागियों और निर्दलियों को गले लगाने के बाद बदले हुए हालात में पहाड़ को नापने की राह में फूल कम कांटे ज्यादा बिखरने लगे हैं। ऊना से हमीरपुर तक और कांगड़ा से लेकर लाहौल-स्पीति तक बगावत इसकी पुष्टि कर रही है।


भाजपा ने उपचुनाव से जुड़े सभी नौ हलकों में क्षति नियंत्रण की कोशिशें शुरू की हैं क्योंकि वे नुकसान की आशंका से चिंतित हैं। शीर्ष नेताओं को सम्मान के मोर्चे पर बुलाया गया है, लेकिन विद्रोह आसानी से शांत नहीं होगा। कांग्रेस अभी भी प्रत्याशियों को नहीं जानती। भाजपा को अपने वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को मनाने की बड़ी चुनौती सामने आई है। 

वीरेंद्र ने भुट्टो को टिकट देकर कांग्रेस से अलग हो गए हैं। भाजपा भी भुट्टो के साथ खुलकर काम करने से बच रही है। कांग्रेस में टिकट के लिए प्रदेश महासचिव विवेक शर्मा, देशराज मोदगिल और देशराज गौतम प्रतिस्पर्धी हैं। पार्टी ने कंवर को भी बड़े निर्णय लेने की स्थिति में खुला रखा है। धर्मशाला में भाजपा को उपचुनाव की लड़ाई आसान नहीं होगी। सुधीर को टिकट देने पर विरोध प्रकट होने लगा है। 

वर्तमान उम्मीदवार राकेश चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। सांसद किशन कपूर बागी तेवरों पर हमला बोलते हैं। सुधीर के खिलाफ चुनाव लड़ चुके विशाल नैहरिया, राकेश चौधरी और किशन कपूर को एकजुट करना कठिन होगा। टिकट के लिए बीसीसी अध्यक्ष हरभजन सिंह भज्जी, पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी और विजय कर्ण हैं।  मंडल भाजपा, युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के कई सदस्यों ने बागी चैतन्य को टिकट देने पर इस्तीफा दे दिया है. इसमें पूर्व विधायक राकेश कालिया भी शामिल हैं। 

साथ ही पूर्व विधायक राजेश ठाकुर की चुप्पी भी चिंताजनक है। पार्टी भितरघात की संभावना से चिंतित है। इंद्रदत लखनपाल को बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से दोहरी चुनौती मिलेगी। भाजपाइयों को एक सूत्र में पिरोना होगा और पूर्व सीएम धूमल के करीबी पूर्व विधायक बलदेव शर्मा को साधना होगा। 

भाजपा की गुटबाजी उनके लिए मुसीबत पैदा करेगी।   2022 के प्रतिद्वंद्वी कैप्टन रणजीत राणा ने उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा को हराया है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के समर्थकों और मंडल भाजपा का सहयोग मिलना एक बड़ी चुनौती होगी।  भाजपा से पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने रवि ठाकुर को टिकट देने पर इस्तीफा दे दिया है। साथ ही, वे उपचुनाव में भाग लेने का घोषणा कर चुके हैं। कांग्रेस भी उन पर नजर डालती है। दोनों दलों के इस्तीफे राजनीतिक तनाव को दिखा रहे हैं। 

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