हिमाचल की वीरभूमि में: 'अग्निपथ' योजना का अग्निपरीक्षण

वीरभूमि हिमाचल में "अग्निपथ" योजना का परीक्षण

शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट 

वीरभूमि हिमाचल में भी अग्निपथ भर्ती योजना की परीक्षा होगी, जो लोकसभा चुनाव में नेताओं के साथ होगी। केंद्रीय यूपीए और राज्य की धूमल सरकार द्वारा 2002 में उठाई गई हिमाचल रेजिमेंट की मांग अब विरोधी पक्ष के नेताओं के भाषणों से भी गायब हो गई है। 


नेताओं ने पिछले पांच वर्षों में इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा है। अब अग्निपथ योजना के चलते पूरे भारत में भाषायी और क्षेत्रीय आधार पर रेजिमेंट का गठन भी गौण होता दिख रहा है। वर्तमान में, इस प्रणाली में प्रदेश या भाषायी सैनिकों के लिए अलग से रेजिमेंट नहीं है। वीरभूमि हिमाचल में लोकसभा चुनाव में भी अग्निपथ भर्ती योजना की जांच होगी। 

2002 में केंद्रीय यूपीए और राज्य की धूमल सरकार के समय उठी हिमाचल रेजिमेंट की मांग अब सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के भाषणों से भी गायब हो गई है। नेताओं ने पिछले पांच साल में इस मुद्दे को लेकर कुछ नहीं कहा। अब, अग्निपथ योजना के चलते, पूरे भारत में भाषायी और क्षेत्रीय आधार पर रेजिमेंट बनाना भी गौण होता दिख रहा है। इस प्रणाली में फिलहाल प्रदेश या भाषायी सैनिकों के लिए अलग से रेजिमेंट नहीं है। 

कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया है। यह मुद्दा सीधे तौर पर केंद्र से जुड़ा है, इसलिए चुनावों में इस योजना की स्वीकार्यता की भी जांच होगी। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाई है। योजना लागू होने पर भी हमीरपुर सहित राज्य भर में प्रदर्शन हुए थे। 

अग्निवीर की भर्तियों में युवा लोगों की बहुतायत थी। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र राज्य का एक हिस्सा है जहां कृषि और बागवानी से कोई खास आय नहीं मिलती है। यहां सेना में सेवाएं देना सबसे बड़ा स्थायी रोजगार है, लेकिन अब भी वह चार साल का रह गया है। यह स्पष्ट है कि बीस प्रतिशत को अन्य सैन्य संगठनों में काम मिलेगा। कांग्रेस इसलिए इस मुद्दे को प्रमुखता से छोड़ना चाहेगी। 

वीरभूमि हिमाचल के चार परमवीर चक्र विजेता

मेजर सोमनाथ शर्मा
पालमपुर का डाढ देश का पहला परमवीर चक्र विजेता था। उन्होंने तीन नवंबर 1947 को अपनी जान दी। मरने के बाद उसे परमवीर चक्र मिला।


कैप्टन विक्रम बतरा 

कारगिल युद्ध में अपने अद्भुत साहस के लिए पालमपुर के कैप्टन विक्रम बतरा को मरने के बाद परमवीर चक्र मिला।


मेजर धन सिंह थापा 
20 अक्तूबर 1962 को चीन सेना ने हमला किया तो वे अकेले ही लड़ गए, चीन सीमा पार करके उन्हें खत्म करके वापस लौटे।


सूबेदार मेजर संजय कुमार 
कारगिल युद्ध में बिलासपुर जिले के संजय कुमार को प्वाइंट 4875 को फतह करने पर परमवीर चक्र मिला। तीन गोलियां उन्हें लगी थीं।


परमवीर चक्र 4, अशोक चक्र 2, महावीर चक्र 11, कीर्ति चक्र 23, शौर्य चक्र 97, वीर चक्र 57, शौर्य पुरस्कार 761, सैन्य उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार 227 और कुल मेडल 1182। हिमाचल में सैन्य सीएसडी कैंटीन 60 के करीब हैं। सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को इनमें सस्ती दरों पर सामान मिलता है। हिमाचल में एक भी कैंटीन डिपो नहीं है। सप्लाई दूसरे राज्यों में स्थित डिपो से आती है। आश्रितों का कहना है कि सीएसडी कैंटीन का डिपो प्रदेश में ही खुलना चाहिए, ताकि सप्लाई में कोई समस्या नहीं होगी।  


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