हिमाचल प्रदेश : - पांच साल बाद हिमाचल प्रदेश की झांकी गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी

26 जनवरी को हिमाचल प्रदेश की झांकी पांच साल के बाद दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई देगी।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में हिमाचल प्रदेश की झांकी एक बार फिर देश-दुनिया के सामने अपनी पहचान दर्ज कराएगी। पांच साल के लंबे अंतराल के बाद रक्षा मंत्रालय ने हिमाचल के झांकी मॉडल को मंजूरी दे दी है। भाषा एवं संस्कृति विभाग ने झांकी निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्ष 2020 के बाद से लगातार गणतंत्र दिवस परेड के लिए हिमाचल की झांकी का चयन नहीं हो पाया था। ऐसे में 2026 की परेड में हिमाचल की वापसी को राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

इस बार हिमाचल की झांकी पूरी तरह से देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों को समर्पित होगी। झांकी की थीम ‘गैलेंटरी अवार्डीज ऑफ हिमाचल प्रदेश’ रखी गई है। इसमें परमवीर चक्र, महावीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित हिमाचल के वीर सपूतों की तस्वीरें और प्रतीकात्मक प्रस्तुतियां शामिल की जाएंगी। झांकी के माध्यम से दर्शाया जाएगा कि सीमांत और पहाड़ी प्रदेश होने के बावजूद हिमाचल ने देश की रक्षा में सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। सेना में हिमाचल के युवाओं की बड़ी भागीदारी और उनके अदम्य साहस को झांकी के माध्यम से राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा। उधर, रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार के संबंधित विभाग ने झांकी निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। चयनित एजेंसी झांकी के डिजाइन, कलात्मक प्रस्तुति और तकनीकी मानकों के अनुसार निर्माण कार्य करेगी, जिससे हिमाचल की झांकी अपनी अलग छाप छोड़ सके ।

2020 में कुल्लू दशहरा की थीम के साथ शामिल हुई थी झांकी

हिमाचल प्रदेश की झांकी कर्तव्य पथ पर आखिरी बार साल 2020 में कुल्लू दशहरा की थीम के साथ शामिल हुई थी। इससे पहले 2017 में चंबा की संस्कृति, 2018 में लाहौल-स्पीति के की-गोंपा और 2012 में किन्नौर की झांकी प्रदर्शित हुई थी। वर्ष 2021 में अटल टनल रोहतांग का मॉडल मंजूर नहीं हुआ। 2022 में धामी गोलीकांड विषय पर केंद्रित झांकी अंतिम चरण में बाहर हुई थी। साल 2023 में झांकी के लिए आवेदन नहीं किया गया था। 2024 में कुल्लू दशहरा में रघुनाथ यात्रा की थीम पर मॉडल बनाया गया था। इस प्रस्ताव को भी केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं मिली थी। इस मॉडल का प्रदर्शन भारत पर्व पर हुआ था। साल 2025 के लिए हिमाचल ने रशियन चित्रकार निकोलस रोरिक की 150वीं जयंती पर झांकी बनाई थी। अंतिम चरण में यह झांकी भी दौड़ से बाहर हो गई थी। इस झांकी को भारत पर्व के कार्यक्रम में शामिल किया गया था।

झांकी के साथ बजेगी मेरा हिमाचलो बड़ा बांका गीत की धुन

कर्तव्य पथ पर हिमाचल प्रदेश की झांकी के साथ लागा ढोलो रा धमाका, मेरा हिमाचलो बड़ा बांका गीत की धुन भी बजेगी। वीरभूमि हिमाचल के बलिदानियों को याद करने के लिए यह विशेष धुन तैयार की जा रही है। जब यह धुन कर्तव्य पथ पर बजेगी, वहां मौजूद हर व्यक्ति के मन में सम्मान, कृतज्ञता और गर्व का भाव उमड़ पड़ेगा।



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