हिमाचल प्रदेश : - हाईकोर्ट ने कहा कि अदालतें अनंतकाल तक साक्ष्य का इंतजार नहीं कर सकतीं।

हाईकोर्ट ने साक्ष्य पेश करने में हो रही देरी पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अदालतें अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकती।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने साक्ष्य पेश करने में हो रही देरी पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि अदालतें अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकती। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की पीठ ने 9 साल पुराने सिमरो देवी बनाम ज्ञान चंद मामले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। उच्च न्यायालय ने पाया कि निचली अदालत में 2018 में आरोप तय होने के बावजूद वादी पक्ष सबूत पेश करने में विफल रहा। कोर्ट ने रिकॉर्ड का अवलोकन करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को साक्ष्य जुटाने के लिए कई मौके दिए गए थे, फिर भी उन्होंने कोई गवाह पेश नहीं किया।

अदालत ने टिप्पणी की कि अकसर मामलों के निपटारे में देरी के लिए न्यायपालिका को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन असल में कई बार पक्षकारों का आचरण ही देरी का मुख्य कारण होता है। निचली अदालत ने 18 नवंबर 2024 को साक्ष्य बंद करने का आदेश दिया था, जबकि इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका एक साल से भी अधिक समय बाद दायर की गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सामान्यतया साक्ष्य पेश करने के लिए तीन से अधिक मौके नहीं दिए जाने चाहिए। उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। निचली अदालत में यह मामला वर्ष 2015 से लंबित है।

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