हिमाचल प्रदेश : - दृष्टिबाधित श्रेणी के जेबीटी भर्ती परिणामों में बदलाव, पहले जारी किए गए परिणामों को रद्द किया गया
जेबीटी पदों पर दृष्टिबाधित श्रेणी में भर्ती के लिए आयोजित काउंसलिंग के परिणामों में बदलाव किया गया है।
स्कूल शिक्षा निदेशालय की राज्य चयन समिति ने जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेनिंग) के पदों पर दृष्टिबाधित श्रेणी के तहत भर्ती के लिए आयोजित काउंसलिंग के परिणाम में संशोधन किया है। समिति ने स्पष्ट किया है कि 15 जनवरी को आयोजित काउंसलिंग के बाद 24 दिसंबर को जो परिणाम जारी किया गया था, उसमें अंकों की प्रविष्टि के दौरान अनजाने में तकनीकी/लिपिकीय त्रुटि हो गई थी।
समिति ने रिकॉर्ड के सूक्ष्म परीक्षण और सत्यापन के दौरान यह पाया कि परिणाम पत्रक के एक कॉलम में अंकों की एंट्री में त्रुटि रह गई थी। यह गलती किसी प्रकार की दुर्भावना से नहीं, बल्कि तकनीकी चूक के कारण हुई। समिति ने इस त्रुटि को सुधारते हुए अब संशोधित परिणाम जारी कर दिया है। समिति ने स्पष्ट किया है कि दृष्टिबाधित श्रेणी से संबंधित पहले जारी किया गया परिणाम अब निरस्त (वापस लिया गया) माना जाएगा और उसी की जगह संशोधित परिणाम मान्य होगा।
समिति ने सभी संबंधित अभ्यर्थियों और हितधारकों से आग्रह किया है कि वे संशोधित परिणाम को ही अंतिम मानें और उसी के अनुसार आगे की प्रक्रिया अपनाएं। राज्य चयन समिति ने परिणाम संशोधन से अभ्यर्थियों को हुई किसी भी प्रकार की असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है। साथ ही यह भरोसा दिलाया है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं।
स्कूलों के वार्षिक समारोहों पर सख्ती, 4:30 बजे तक खत्म करना अनिवार्य
हिमाचल प्रदेश में सरकारी शिक्षण संस्थानों में आयोजित होने वाले वार्षिक एवं पुरस्कार वितरण समारोह शाम साढ़े चार बजे तक खत्म करना अनिवार्य कर दिए हैं। हाल ही में लोहरा स्कूल में सामने आई घटना के बाद विभाग ने सभी उपनिदेशकों और प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वार्षिक समारोह में सुरक्षा की दृष्टि से लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
शिक्षा विभाग के अनुसार, कई विद्यालयों में वार्षिक कार्यक्रम दोपहर बाद शुरू होकर देर शाम तक चलते हैं, जिससे विद्यार्थियों, अभिभावकों और विशेषकर महिला प्रतिभागियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं सामने आई हैं। अंधेरा होने के बाद कार्यक्रम जारी रहने से सुरक्षा में चूक और अप्रिय घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वार्षिक समारोह, पुरस्कार वितरण और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम निर्धारित समय पर शुरू हों और हर हाल में शाम 4:30 बजे तक समाप्त किए जाएं। यदि मुख्य अतिथि कार्यक्रम स्थल पर देर से पहुंचते हैं तो बच्चों की प्रस्तुतियों को रोका न जाए। अनावश्यक देरी से कार्यक्रम शाम तक खिंचने की अनुमति नहीं होगी।
स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि प्रत्येक छात्र का सुरक्षित रूप से घर पहुंचना संबंधित प्रधानाचार्य की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। यदि किसी कारणवश कार्यक्रम देर से समाप्त होता है तो स्कूल प्रबंधन को परिवहन की व्यवस्था करनी होगी या अभिभावकों को स्वयं बच्चों को ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। समारोह के दौरान बाहरी व्यक्तियों और असामाजिक तत्वों की एंट्री पर सख्त रोक लगाने को कहा गया है। स्कूल प्रबंधन को स्थानीय पुलिस से पहले से संपर्क कर शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। अवहेलना करने वाले प्रधानाचार्यों और संस्थान प्रमुखों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। सभी स्कूलों को इन दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है, ताकि स्कूल कार्यक्रम गरिमापूर्ण, अनुशासित और सुरक्षित वातावरण में संपन्न हो सकें।
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