हिमाचल प्रदेश : - डॉक्टर को बर्खास्त करने से गरमाया गया मुद्दा, शुक्रवार को डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे

वीरवार को चिकित्सक संगठनों ने बैठकें करके शुक्रवार को एक दिन का सामूहिक अवकाश लेने का निर्णय लिया है, क्योंकि वे आईजीएमसी शिमला में मरीज से मारपीट मामले से परेशान हैं।

आईजीएमसी शिमला में मरीज से मारपीट पर आरोपी डॉक्टर को बर्खास्त करने के बाद यह मामला गरमाया गया है। गुस्साए चिकित्सक संगठनों ने वीरवार को बैठकें कर शुक्रवार को एक दिन का सामूहिक अवकाश करने का निर्णय लिया है। मांगें न मानने पर शनिवार से हड़ताल पर जाने का एलान किया है। अपनी मांगों को लेकर शनिवार को सुबह रेजिडेंट डॉक्टर मुख्यमंत्री सुक्खू से मिलेंगे। उन्होंने मांगें न मानने पर अपने इस निर्णय पर अडिग रहने की घोषणा की। सामूहिक अवकाश के चलते अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।

वीरवार को आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए), कॉलेज एससीए और स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स आईजीएमसी एंड जीडीसी के पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आईजीएमसी, कमला नेहरू अस्पताल, डीडीयू समेत प्रदेश के अस्पतालों में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, सीनियर रेजिडेंट और इंटर्न आपातकालीन विभाग को छोड़कर सभी नियमित सेवाओं, वैकल्पिक ऑपरेशन थियेटर और आउट पेशेंट विभाग में सेवाएं नहीं देंगे। आरडीए अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा, उपाध्यक्ष मधुप अरोड़ा, महासचिव डॉ. आदर्श शर्मा ने कहा कि चिकित्सक डॉ. राघव की बर्खास्तगी के आदेश रद्द करने, कथित तौर पर एक व्यक्ति की ओर से आरोपी डॉ. राघव को जान से मारने की धमकी देने पर एफआईआर दर्ज करने समेत डॉक्टरों को सरकार सुरक्षा प्रदान करे।

चमियाना अस्पताल की फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ. संजीव असोत्रा और महासचिव डाॅ. यशवंत सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार का सिर्फ चिकित्सक पर कार्रवाई करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। एकतरफा कार्रवाई के फैसले पर पुनर्विचार करे।

हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के राज्य अध्यक्ष डाॅ. राजेश राणा और महाससिव डाॅ. विकास ठाकुर ने कहा कि आरडीए आईजीएमसी का संघ पूरा साथ देगा और शुक्रवार को सामूहिक अवकाश किया जाएगा। आगे की रणनीति डॉक्टर्स एसोसिएशन की मांगों को नहीं मानने की स्थिति में बाद में बनाई जाएगी। 27 दिसंबर को सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही मरीज को उपलब्ध होंगी।

उधर, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा (डीएमई) डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि रेजीडेंट डॉक्टर के शुक्रवार को छुट्टी पर जाने की कोई अधिकारिक सूचना नहीं है। जानकारी मिली है कि डॉक्टर सीएम से मिल रहे हैं।

शिमला के तीनों सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं रहेंगी जारी

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) और कमला नेहरू अस्पताल आने वाले मरीजों को शुक्रवार को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। आईजीएमसी में मरीज और डॉक्टर के बीच हुई हाथापाई के बाद डॉक्टर को सरकार ने बर्खास्त कर दिया है।


इससे खफा आरडीए (रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) ने अब सामूहिक अवकाश पर जाने की धमकी दी है। इससे आईजीएमसी और कमला नेहरू अस्पताल में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा ऑपरेशन भी टल सकते हैं। आधे चिकित्सक पहले ही शीतकालीन अवकाश पर चल रहे हैं। ऐसे में ओपीडी कंसल्टेंट डॉक्टरों के हवाले होगी।  इससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी झेलनी होगी। ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टर सेवाएं नहीं देंगे। राजधानी के डीडीयू अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर भी हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन द्वारा आरडीए के इस आंदोलन को समर्थन दिए जाने के कारण शुक्रवार को अवकाश पर रहेंगे। इससे डीडीयू में भी ओपीडी सेवा नहीं मिलेगी। इन तीनों अस्पतालों में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। चिकित्सकों के इस आंदोलन से मरीजों को परेशानी पेश आ सकती है। आरडीए की मांगें न माने जाने पर शुक्रवार को आपातकालीन सेवा को छोड़कर सभी नियमित सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसमें ऑपरेशन और ओपीडी शामिल रहेगी।


ओपीडी सेवाएं जारी रखने का होगा प्रयास : डॉ. भाटिया

आईजीएमसी के डिप्टी एमएस डाॅ. प्रवीण भाटिया ने कहा कि रेजिडेंट के सामूहिक अवकाश पर रहने के बावजूद अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। अस्पताल के कंसल्टेंट सीनियर चिकित्सकों से ओपीडी सेवाएं जारी रखने जाने का प्रयास रहेगा।

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