हिमाचल प्रदेश : - स्वास्थ्य खतरे में! हिमाचल प्रदेश में बनीं 47 सहित देशभर की 200 दवाओं के सैंपल फेल

हिमाचल प्रदेश में बनाए गए 47 दवाओं के सैंपल नकारात्मक निकले हैं। नवंबर में, राज्य दवा नियंत्रक ने 135 और सीडीएसओ ने 65 दवाओं के सैंपल लिए थे। 47 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।

हिमाचल प्रदेश में बनीं 47 दवाओं समेत देश में 200 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। इनमें बुखार की दवा पैरासिटामोल, दिल के दौरे की दवा क्लोपिडोग्रेल और एसप्रिन, शुगर कम करने की मेटफोर्मिन, हार्ट की दवा रेमीप्रिल, मिर्गी के दौरे की दवा सोडियम वैल्प्रोएट, मांसपेशियों में जकड़न कम करने की दवा मेबेवेरिन हाइड्रोक्लोराइड आदि के सैंपल मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं। नवंबर में सीडीएसओ ने 65 और राज्य दवा नियंत्रक ने 135 दवाओं के सैंपल लिए थे। इनमें 47 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। इनमें सोलन जिला की 28, सिरमौर की 18 और ऊना जिला की एक दवा कंपनी शामिल है। इन कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

सिरमौर जिले के कालाअंब की एथेंस लाइफ साइंस कंपनी के पांच दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इनमें रिमिप्रिस, ग्लेमीप्राइड, मैथाप्रिड, निसोलोन व कैटोरोलेक टेबलेट शामिल हैं। मलकूमाजरा नालागढ़ की मार्टिन एंड ब्राउन बॉयोसाइंस की जेंटामाइसिन सल्फेट इंजेक्शन, बद्दी की श्रीरमेत इंडस्ट्रीज की सेफिसाइन टेबलेट, सिरमौर की बॉयोकोलिक रेमिडीज की रेमिप्राजोल सोडियम एंड डोमप्राइड एसआर कैप्सूल, बद्दी की विंग्स बॉयोटेक की गलेमेप्राइड, बद्दी की क्योरटेक फार्मास्युटिकल्स की सेफिक साइन, भटोलीकलां बद्दी की प्लेना रेमिडीज की क्लेरिथ्रोमाइसिन।

बद्दी के प्रीत रेमिडीज की मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड, मानपुरा की बनेट कंपनी की टेलमीसार्टन, पांवटा साहिब की सेफलिक्स लाइफ साइंसिस की एंब्रोक्लोस एचसीआई सिरप, बरोटीवाला के फॉर्मारूट्स हेल्थकेयर की रेमिप्रिल टेबलेट, बद्दी के शिवानी फार्मास्युटिकल की पैरासिटामोल, सोलन के घट्टी की जीएम लैबोट्री की एक्लोफैनिक एंड पैरासिटोमोल टेबलेट, सोलन के ग्लानग स्थित चिमैक हेल्थकेयर की पैरासिटामोल एंड टर्माडोल हाइड्रोक्लोराइड, ऊना की एक कंपनी की सैफिक जाइन टेबलेट मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं।

जिन कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें नोटिस जारी कर बाजार से स्टॉक मंगवाने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि संबंधित कंपनियों पर नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। - डॉ. मनीष कपूर, राज्य दवा नियंत्रक

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