आईजीएमसी शिमला : - डॉ. राघव ने कहा कि मरीज ने आईवी स्टैंड से मुझे मारने की कोशिश की और अपशब्द कहे।

आप सबने हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल आईजीएमसी शिमला में मरीज और डॉक्टरों के बीच हाथापाई की वीडियो देखी होगी। मामला अभी भी चर्चा में है। अब आरोपी चिकित्सक राघव ने मीडिया में बयान दिया और घटना का खुलासा किया।

आईजीएमसी के वार्ड में डॉक्टर और मरीज के बीच हुई मारपीट की घटना के बाद पहली बार मारपीट का आरोपी चिकित्सक राघव ने मीडिया में बयान दिया और घटना के बारे में खुलकर बताया। डॉक्टर ने कुछ सवाल भी आम जनता के लिए सामने रखे।

आर्थो विभाग में चल रहे डॉक्टर राघव ने कहा कि मरीज ने अपशब्द बोले, मेरे घर वालों को बीच में लेकर आया, उसने कहा कि तू अपने बाप से भी ऐसे ही बात करता है। वह मेरी मां को बीच में लेकर आया गलत बोलने लगा। हम डॉक्टर भी इंसान हैं, हम मरीज देखते हैं, आठ साल से यही काम करते पांच से छह हजार मरीज देखे हैं, पर ऐसा किसी ने नहीं बोला। ऐसा कोई डॉक्टर नहीं होता, जो मरीज को गलत बोले। मैंने कोई गलत नहीं बोला, कोई एटिट्यूड नहीं दिखाया, उसको शांत करने का प्रयास करने लगा, मैंने बोला भाई आराम से बात कर बात कर ले, बात करके सुलझा सकते हैं, इतनी बड़ी बात भी नहीं हुई।

इसके बाद मरीज ने गहमागहमी में उसने मुझे धक्का दिया, आईवी स्टैंड से मुझे मारने की कोशिश की लात घूंसे चलाए। अब आप मुझसे क्या चाहते है? सिर्फ डाक्टर ही संयम दिखाएं। यह बोला जा रहा है कि पेशेंट कभी कोई कोई गलती नहीं कर सकता, आगे से बोला जा रहा है कि यदि पेशेंट मेंटली अनफिट हो, तो उस पर हाथ नहीं उठा सकते, कुछ कह नहीं कर सकते। अगर मेरा खून निकलता, मेरे को चोटें लगती, वो सब सही था? मरीज हमें कुछ भी बोल सकता है, अगर कोई मुझे धक्का दे, मेरे मां-बाप को गालियां दे, मैं सुन सकता हूं क्यों क्योंकि मैं एक डाक्टर हूं। मैं एक इंसान भी हूं। हमने छह से सात हजार मरीज देखें है। आज तक ऐसा नहीं हुआ, मैंने आज तक नहीं देखा।

आरोपी चिकित्सक राघव ने कहा कि आप सबने अधूरी कहानी देखी है, इसके उपरांत उसने दो से ढाई सौ लोग बुलाए, हंगामा किया, तोड़ताड़ की, डर का माहौल बनाया। यहां तक की मेरा हाथ टूट गया है, मेरी पीठ में इतनी दर्द है जो उसने मुझे धक्का दिया, अभी मेरे को फर्स्ट एड मेडिकल फिटनेस मिलने के लिए कम से कम सात से आठ घंटे बंद कमरे में इंतजार करना पड़ा। क्या से सब ठीक है, क्या आपके हिसाब से सब ठीक है, अस्पताल का ये माहौल होना चाहिए? डॉक्टर के लिए क्या हम इसलिए मेहनत करके डाक्टर बनते हैं, हम इतनी मेहनत करते हैं, रात-दिन मरीज देखें हमें मरीज इस तरीके से ट्रीट करें।

परिजनों ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखीं मांगें, जांच कमेटी में आईजीएमसी का नहीं हो डॉक्टर

आईजीएमसी में मरीज और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट की घटना के मामले को लेकर डॉक्टर की बर्खास्तगी की मांग कर रहे परिजनों और क्षेत्र के लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात तर पूरे प्रकरण की जानकारी दी और अपनी मांगें रखीं। नरेश दास्टा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने पूरी बात सुनी और आश्वासन दिया कि इस मामले में निष्पक्षता से जांच कर करवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को चेताया कि अगर वे स्ट्राइक पर जाते हैं, तो उनसे निपटा जाएगा। उन्होंने मांग उठाई कि जांच कर रही कमेटी में आईजीएमसी का एक भी चिकित्सक न हो। जांच अधिकारी निष्पक्ष जांच करें। उन्होंने कहा कि इस मामले में वीडियो में नजर आ रहे दोनों चिकित्सकों पर कार्रवाई की जाए।

आईजीएमसी मारपीट मामले में एएसपी की देखरेख में होगी मामले की जांच

आईजीएमसी में मरीज के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने सदर पुलिस स्टेशन में केस दर्जकर जांच शुरू कर दी है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एएसपी अभिषेक की देखरेख में मामले की जांच होगी। मरीज अर्जुन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाए हैं कि जिस समय वह बेड पर लेटा हुआ था तो एक डॉक्टर ने उसके साथ मारपीट की तो दूसरे ने उसकी टांगे पकड़ी थी। वहीं डॉक्टर राघव नरुला ने भी पुलिस के पास शिकायत दी है। पुलिस ने उनके बयान दर्ज कर इस संबंध में रपट डाली है।

उन्होंने भी अपनी शिकायत में मरीज पर बदसलूकी, हमला करने और धमकाने के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने मामले में आगामी कार्रवाई करते हुए डॉक्टर और मरीज दोनों का मेडिकल करवाया। इसके बाद डॉक्टर को भी अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। दोनों को स्पेशल वार्ड में शिफ्ट किया गया है। पुलिस ने मारपीट के समय मौके पर मौजूद तीमारदारों, अस्पताल के अन्य स्टाफ को भी पूछताछ के लिए तलब करेगी और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।

मामला सोमवार दोपहर 12:00 बजे का है जब अर्जुन का ब्रोंकोस्कॉपी टेस्ट किया गया। इसके बाद पल्मोनरी मेडिसीन विभाग के वार्ड में खाली बेड पर लेट गया। इसी दौरान डॉक्टर मौके पर पहुंचा और उसने मरीज से एक्सरे समेत अन्य दस्तावेज मांगे। इसी दौरान दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई और मामला मारपीट तक जा पहुंचा। इसी दौरन एक तीमारदार ने इस घटनाक्रम का वीडियो बना दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद सैकड़ों की संख्या में मरीज के परिचित और क्षेत्र के लोग मौके पर पहुंचे और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। लक्कड़बाजार पुलिस ने मरीज की ओर से शिकायत मिलने के बाद दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए और देर रात को इस संबंध में केस दर्ज किया गया।

अस्पताल में पुलिस बल रहा तैनात, दोनों पक्षों से की गई बातचीत

सोमवार को मरीज के साथ मारपीट का मामला सामने आने के बाद बड़ी संख्या में लोग अस्पताल परिसर में एकत्रित हो गए थे। सरकार के डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के बाद ही लोगों की भीड़ अस्पताल से जाने को तैयार हुई थी। इसको देखते हुए मंगलवार सुबह से ही अस्पताल परिसर में सदर थाना प्रभारी और लक्कड़बाजार चौकी के प्रभारी समेत पुलिस के जवान तैनात रहे। इस दौरान पुलिस ने दोनों पक्षों से बातचीत भी की।

मरीज से मारपीट के मामले में एएसपी रैंक के अधिकारी की देखरेख में मामले की जांच की जाएगी। परिजनों को पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में अवगत करवाया गया, जिससे वे संतुष्ट हुए। पुलिस कानून के मुताबिक हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है। - संजीव कुमार गांधी, एसएसपी शिमला

Comments