हिमाचल प्रदेश : - अब एम्स में कैंसर का इलाज अधिक सटीक और सुरक्षित हो सकेगा, इस मशीन की खरीद के लिए टेंडर जारी
AIMS बिलासपुर ने सरफेस गाइडेड रेडिएशन सिस्टम खरीदने का टेंडर जारी किया है। चिकित्सा विशेषज्ञों का अनुमान है कि एसजीआरटी सिस्टम की कीमत लगभग ढाई से तीन करोड़ रुपये होगी।
एम्स बिलासपुर में कैंसर मरीजों के इलाज को और अधिक सटीक और सुरक्षित बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। संस्थान ने सरफेस गाइडेड रेडिएशन सिस्टम की खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिया है।
यह अत्याधुनिक तकनीक रेडिएशन थेरेपी के दौरान मरीज की हर हलचल पर नजर रखती है और जरूरत पड़ने पर मशीन को अपने-आप रोक देती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, एसजीआरटी सिस्टम की अनुमानित कीमत करीब ढाई से तीन करोड़ रुपये के बीच है। इस मशीन के आने से एम्स बिलासपुर उन चुनिंदा संस्थानों में शामिल हो जाएगा, जहां रेडिएशन थैरेपी की यह आधुनिक सुविधा उपलब्ध होगी। एम्स की ओर से जारी बिड के अनुसार इस उपकरण की एक यूनिट खरीदी जाएगी। बिड के तहत केवल मशीन की आपूर्ति ही नहीं, बल्कि उसकी स्थापना, परीक्षण, कमीशनिंग और रेडिएशन मशीन से इंटीग्रेशन भी शामिल है।
शरीर की बाहरी सतह को करती है स्कैन : - सरफेस गाइडेड रेडिएशन सिस्टम से मरीज के शरीर की बाहरी सतह को स्कैन कर उसकी स्थिति को लगातार मॉनिटर करती है। यदि इलाज के दौरान मरीज सांस लेने, खांसने या हल्की-सी हरकत के कारण अपनी तय पोजीशन से हिलता है, तो यह सिस्टम तुरंत रेडिएशन मशीन को रोक देता है। सही स्थिति आने पर ही दोबारा रेडिएशन शुरू होता है। यह पूरी प्रक्रिया बिना अतिरिक्त एक्स-रे या रेडिएशन के होती है। इससे रेडिएशन सिर्फ ट्यूमर पर केंद्रित रहता है, जिससे दिल, फेफड़े और रीढ़ जैसे स्वस्थ अंग सुरक्षित रहते हैं।
शरीर पर निशान लगाने की जरूरत नही : - इलाज के दौरान शरीर पर टैटू या स्याही के निशान लगाने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे मरीज को मानसिक और शारीरिक राहत मिलती है। यह तकनीक खासतौर पर स्तन, फेफड़े, सिर-गर्दन और प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है।
ट्यूमर पर ही होती है
रेडिएशन : - इस सिस्टम से रेडिएशन थेरेपी की सटीकता कई गुना बढ़ जाती है। गलत रेडिएशन की आशंका लगभग खत्म हो जाती है। इससे इलाज कम समय में होता है और मरीज को बार-बार पोजीशन ठीक कराने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।
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