हिमाचल प्रदेश : - हिमाचल को चिट्टा बर्बाद कर रहा! माफिया लड़कियों को नशीला पदार्थ देकर, फिर उनका शारीरिक शोषण करके तस्करी कर रहे हैं

हिमाचल प्रदेश में चिट्टा माफिया अस्तित्व में है। प्रदेश में तीन साल में 100 युवतियों और महिलाओं को नशा तस्करी में गिरफ्तार किया गया है।

शिमला जिले की एक 18 साल की युवती को दो साल पहले उसके ही दोस्त ने रोमांच (आनंद) के नाम पर चिट्टे का नशा करने के लिए मजबूर किया। एक बार नशा लेने के बाद युवती इसकी लत में पड़ गई। इसके बाद दोस्त ने पैसे की मांग की और फिर नशे के लिए शारीरिक शोषण शुरू कर दिया।

धीरे-धीरे युवती नशे के जाल में फंसती गई और फिर सच्चाई का पता लगने पर माता-पिता ने भी उसका साथ छोड़ दिया। पढ़ने में होनहार युवती अब नशे के दलदल में फंसकर तलब पूरी करने के लिए शारीरिक शोषण करवाने को मजबूर हो गई। प्रदेश में यह मामला पहला नहीं है। तीन साल में पुलिस ने विभिन्न नशा तस्करी में 100 युवतियों और महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इससे पहले भी कई मामले आ चुके हैं, जब स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली युवतियों को नशे के आदी उनके दोस्त तथा तस्कर नशे की लत लगाने के बाद उनका शारीरिक शोषण कर चुके हैं। इनमें कछ युवतियां बाद में नशा तस्करी में पड़ गईं थीं। इनमें ज्यादातर आरोपी स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली हैं। इसको देखते हुए शिमला पुलिस ने अभिभावकों को बच्चों की नियमित निगरानी रखने की अपील की है।

अपर शिमला से लेकर कुल्लू, मंडी और सोलन जिले से युवतियां पढ़ाई के लिए शहर में आती हैं। यह युवतियां यहां किराये के कमरे लेकर रहती हैं। इनके अकेले होने का फायदा उठाकर नशा तस्कर किसी तरह से इनके संपर्क में आते हैं और फिर नशे की लत लगाकर शारीरिक तथा वित्तीय तौर पर इनका शोषण किया जाता है।

शिक्षण संस्थानों के आसपास ऐसी लड़कियों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए नशा तस्कर सक्रिय रहते हैं। इनमें ऐसी भी युवतियां शामिल हैं, जोकि पढ़ने में होनहार थीं और नशे की लत में न फंसती तो वे समाज को सकारात्मक दिशा में ले जा सकती थीं।
पिछले दिनों चिट्टा तस्करी में गिरफ्तार महज 19 साल की युवती ने बताया कि माता-पिता में आपसी विवाद के कारण वह मानसिक तनाव में रहती थी। इसका फायदा उठाकर आठवीं कक्षा में ही उसे तस्करों ने नशे की लत लगा दी। वह पिछले पांच वर्षों से चिट्टे का नशा कर रही है। युवती के खिलाफ चिट्टा तस्करी के मामले में दो केस दर्ज हैं। चिंता की बात यह है कि जिला शिमला में नशा तस्करी में पकड़े जाने वाली युवतियों की उम्र महज 18 से 25 साल के बीच है। इनमें ज्यादातर को उस समय नशे की लत लगा दी थी जब वह 14 से 16 के बीच थीं।

नशा तस्करी के मामलों में बड़ी संख्या में युवतियां भी पकड़ी जा रही हैं। तीन वर्षों में पुलिस ने सौ युवतियों को विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किया है। नशा तस्करी की आड़ में युवतियों का शोषण भी हो रहा है। अभिभावकों से अपील है कि वह अपने बच्चों की नियमित रूप से निगरानी रखें। पुलिस नशा तस्करी का नेटवर्क तोड़ने के लिए दिन रात काम कर रही है। - संजीव कुमार गांधी, एसएसपी शिमला







Comments