हिमाचल प्रदेश : - माइनस 25 डिग्री तापमान पर शिंकुला में अहम सुरंग का निर्माण

शिंकुला टनल का निर्माण हिमाचल प्रदेश में माइनस 25 डिग्री सेल्सियस की कड़ाके की ठंड में भी जारी है। अत्यधिक ठंड और ऑक्सीजन की कमी के कारण कर्मचारी भी सिरदर्द और चक्कर आ रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके निर्माण कार्य जारी है।

समुद्रतल से 16,000 फीट की ऊंचाई और माइनस 25 डिग्री सेल्सियस की कड़ाके की ठंड के बीच भी शिंकुला टनल का निर्माण कार्य लगातार जारी है। देश में सबसे अधिक ऊंचाई पर बन रही इस सामरिक महत्व की डबललेन टनल के निर्माण में लगे इंजीनियर व कामगार विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दिन-रात अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कड़ाके की ठंड की वजह से मशीनें स्टार्ट होने में घंटों का समय ले रही हैं, जबकि लोहे के औजार हाथों से चिपक रहे हैं। इतनी ऊंचाई और अत्यधिक ठंड में सांस लेना भी कठिन हो रहा है। 


निर्माण कार्य में जुटी धारीवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी विनोद ने बताया कि अत्यधिक ठंड के कारण फिलहाल नाइट शिफ्ट को रोक दिया गया है। कार्य केवल दिन में ही हो रहा है। अत्यधिक ठंड और ऑक्सीजन की कमी के कारण कामगारों को सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या भी सामने आ रही है, लेकिन बावजूद इसके निर्माण कार्य जारी है। उधर, सीमा सड़क संगठन की योजक परियोजना के अधिकारियों ने भी माना कि शिंकुला जैसे दुर्गम, ऊंचाई वाले और बर्फबारी प्रभावित क्षेत्र में टनल निर्माण करना किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके बावजूद भी निर्धारित समय सीमा के भीतर निर्माण सुनिश्चित करने के लिए टीमें लगातार मैदान में डटी हुई हैं। जांस्कर रेंज को भेदकर 4.1 किमी लंबी दो-तरफा (डबललेन) शिंकुला टनल का निर्माण चल रहा है।

1600 करोड़ रुपये की लागत से बन रही टनल

मनाली-कारगिल मार्ग पर इतनी ऊंचाई पर बनने वाली पहली डबललेन टनल होगी। लगभग 1600 करोड़ रुपये की लागत से बीआरओ की योजक परियोजना इसका निर्माण कर रही है। निर्माण कार्य का टेंडर धारीवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है। टनल के भीतर दो पुलों का भी निर्माण किया जा रहा है। अब तक दोनों सुरंगों में 370 मीटर टनल खोदी जा चुकी है। वर्तमान में 120 इंजीनियर एवं कामगार निर्माण कार्य में तैनात हैं।

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