हिमाचल प्रदेश : - पीटीए शिक्षक की दोबारा नियुक्ति की याचिका को ईकोर्ट ने खारिज कर दी

याचिकाकर्ता पीटीए शिक्षिका की सेवाओं को पुनर्गठित करने की मांग को लेकर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने विलंब और निष्क्रियता के आधार पर खारिज कर दिया है।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पीटीए शिक्षिका की सेवाओं को पुनः शामिल करने की मांग को लेकर दायर याचिका को विलंब और निष्क्रियता के आधार पर खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने प्रवक्ता (संस्कृत) के पद पर पीटीए के तहत अपनी सेवाओं को बहाल करने की मांग की थी। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की एकल पीठ ने यह फैसला दिया है। याचिकाकर्ता कुसुम कुमारी ने 22 मई 2014 की अधिसूचना और अश्वनी कुमार शर्मा बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य के मामले में दिए गए फैसले के संदर्भ में पीटीए के तहत प्रवक्ता के रूप में अपनी सेवाओं की पुनः नियुक्ति की मांग की थी।

याचिकाकर्ता का दावा था कि उन्हें 27 फरवरी 2007 को पीटीए आधार पर नियुक्त किया गया था। फैसले के संदर्भ में पीटीए के तहत उनकी सेवाएं 30 सितंबर 2008 को समाप्त कर दी गईं। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इसी तरह की स्थिति वाले कई पीटीए शिक्षकों को 22 मई 2014 की अधिसूचना के बाद फिर से नियुक्त किया गया था। न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ता ने सेवाओं की बहाली के लिए बहुत देरी से कदम उठाया है।

याचिकाकर्ता की सेवाओं को 30 सितंबर 2008 को समाप्त किया गया है। 22 मई 2014 को पुनः नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने या 1 अप्रैल 2014 को अश्वनी कुमार शर्मा मामले में निर्णय आने के बाद भी याचिकाकर्ता ने कोई अभ्यावेदन प्रस्तुत नहीं किया। याचिकाकर्ता की ओर से पुनः नियुक्ति के लिए किया गया पहला अभ्यावेदन 5 अगस्त 2025 को दिया गया है। न्यायालय ने उक्त आधारों पर याचिका को खारिज कर दिया। 





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