शीतकालीन कार्निवल शिमला : - वीआईपी ने पिछले वसंतोत्सव में 4.30 लाख के चाय-पकौड़े खाए, बिल भी नहीं दिया

रिज स्थित पर्यटन निगम के आशियाना रेस्तरां ने एक साल पहले राजधानी शिमला में हुए विंटर कार्निवल में चाय-स्नैक्स की व्यवस्था की थी। लेकिन नगर निगम अभी तक इसका बिल नहीं चुका पाया है।

राजधानी में एक साल पहले हुए विंटर कार्निवल में 4.30 लाख रुपये के चाय, काॅफी और पकौड़े डकारने के बाद नगर निगम इसका बिल चुकाना भूल गया। अब रेस्तरां प्रबंधन यह बिल लेकर नगर निगम दफ्तर के चक्कर काट रहा है। उधर नगर निगम है कि बिल नहीं चुका रहा।

अब पर्यटन निगम ने मंगलवार को रेस्तरां प्रबंधक को खुद आयुक्त भूपेंद्र अत्री से इस बारे में बात करने को कहा है। नगर निगम की ओर से बीते साल 25 दिसंबर से ऐतिहासिक रिज मैदान पर विंटर कार्निवल का आयोजन किया था। यह कार्निवल दस दिन तक चला था। स्टार नाइट के दौरान वीआईपी सीटों पर बैठने वाले मेयर, पार्षद और अन्य वीआईपी के लिए चाय-स्नैक्स की व्यवस्था रिज स्थित पर्यटन निगम के आशियाना रेस्तरां से की गई थी।

रेस्तरां से रोजाना शाम को डिमांड पर चाय, कॉफी, पकौड़े के साथ अन्य स्नैक्स वीआईपी के लिए परोसे गए। पर्यटन निगम के अनुसार इसका बिल करीब 4.30 लाख रुपये बना है। नगर निगम ने विंटर कॉर्निवाल के दौरान हुए अन्य खर्च तो चुकता कर दिए लेकिन खाने पीने का बिल नहीं भरा। अब पर्यटन निगम ने नगर निगम को इसका बिल भेजा है। इसके अलावा पर्यटन निगम ने रेस्तरां प्रबंधक को खुद आयुक्त से मिलकर इस बिल को चुकाने के लिए बात करने को कहा है।

निगम को भी रेस्तरां से लेना है किराया

नगर निगम प्रशासन का कहना है कि रेस्तरां का लाखों रुपया किराया लंबित है। यह भी वसूला जाना है। रेस्तरां नगर निगम की किराये पर दी गई संपत्ति में चल रहा है। निगम ने भी इसके लिए पर्यटन निगम को बिल भेजा है लेकिन सरकार से इसकी मंजूरी न मिलने के कारण अभी तक यह अटका पड़ा है। नगर निगम चाह रहा है कि इस किराये में से ही खाने पीने का खर्च घटाया जाए लेकिन अब बात बनती न देख बिल चुकाने का दावा किया जा रहा है। नगर निगम 25 दिसंबर से फिर से विंटर कार्निवल के आयोजन की तैयारी कर रहा है। ऐसे में आशियाना रेस्तरां से ही चाय स्नैक्स की व्यवस्था करवाई जा सकती है। हालांकि, यह तब होगी जब निगम पिछला बिल चुकता करेगा।

जल्द चुका देंगे बिल

आशियाना रेस्तरां का विंटर कार्निवल का बिल जल्द चुकाया जाएगा। यह ज्यादा राशि नहीं है। नगर निगम जल्द इसका भुगतान कर देगा। -डॉ. भुवन शर्मा, संयुक्त आयुक्त नगर निगम शिमला।







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