कुटलैहड़: सुक्खू-मुकेश का चुनावी ध्वनि

                    विवेक की उम्मीदवारी पर मुहर, सुक्खू-मुकेश का चुनावी मुकाबला कुटलैहड़ में

शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट

मुख्यमंत्री सुखविंंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपने गृह संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में कुटलैहड़ हलके के विधानसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस के सभी क्षेत्रीय नेताओं को एकजुट करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने निकटवर्ती विवेक शर्मा की उम्मीदवारी पर भी मुहर लगा दी। 


उन्होंने कांग्रेस में अपने पिछले आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अनिल मनकोटिया को शामिल करके नवीनतम बिसात पर काम शुरू किया। गुरुवार को समूरकलां में मंच पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने एक-दूसरे से गले लगाकर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए अपने बागियों पर काफी हमलावर दिखे। मुख्यमंत्री ने भाजपा से चुनाव जीतने वाले देवेंद्र कुमार भुट्टो को "वोटों से बुरी तरह से कूटने" का आह्वान कर चुनाव प्रचार में आक्रामक व्यूह रचना भी दिखाई। 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने सर्वेक्षण में विवेक शर्मा के सबसे ऊपर होने की बात कर उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने पर तस्वीर साफ कर आग्रह किया कि उनका सब समर्थन करें।  2017 में विवेक शर्मा ने कांग्रेस के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के वीरेंद्र कंवर से हार गए थे। तब विवेक शर्मा ने 5606 मतों से पराजय भोगी। 2022 के विधानसभा चुनाव में विवेक शर्मा को टिकट नहीं मिला और देवेंद्र कुमार भुट्टो को चुनाव जीता गया। विवेक को सुक्खू के करीब होने की कीमत चुकानी पड़ी। 

लेकिन भुट्टो ने 7579 मतों से वीरेंद्र कंवर को चुनाव जीता था। कुटलैहड़ में विधायकी हारने के बाद भुट्टो अब कांग्रेस छोड़कर भाजपा से टिकट झटककर उपचुनाव लड़ रहे हैं और पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर अंदरखाते इस दुर्घटना से दुखी हैं। ऐसे में कांग्रेस को जहां भाजपा के भितरघात से उम्मीद बंधी है तो वहीं अपने सुराख रोकने के प्रयास कर रही है। प्रदेश कांग्रेस सचिव देसराज गौतम, जो टिकट के एक और दावेदार रहे हैं, को वीरवार को कुटलैहड़ में मनाकर मंचासीन किया गया। 

लेकिन जनसभा स्थल पर उनके पक्ष में नारेबाजी करते हुए उनके प्रशंसक उमड़ पड़े। देसराज के साथ कई जिला और ब्लॉक नेता भी सहयोग करते नजर आए। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अन्य क्षेत्रों में भी नेताओं को अपने पक्ष में करने की रणनीति की ओर इशारा किया है, जिसमें आम आदमी पार्टी के पिछले प्रत्याशी अनिल मनकोटिया को कांग्रेस में शामिल किया गया है। मनकोटिया के पिछले चुनाव में वोट लेने में उनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था, लेकिन यह दिखाता है कि आने वाले दिनों में भाजपा से इतर विचारधारा वाले नेताओं को कांग्रेस के साथ लाने की मोर्चेबंदी पर काम हो सकता है।

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