एचपीयू से संबद्ध कॉलेज में चार वर्षीय हॉनर्स प्रोग्राम का आयोजन

                        एचपीयू से संबद्ध संस्थान लेंगे चार वर्षीय ऑनर्स, रिसर्च डिग्री शुरू करने का निर्णय

शिमला , ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने एनईपी-2020  को सत्र 2024-25 से संबद्ध कॉलेजों में लागू करने के लिए सिलेब्स बनाकर मंजूर करने की तैयारी शुरू कर दी है। नीति के अनुसार, यूजी डिग्री विद ऑनर्स और रिसर्च प्रदेश के चुनिंदा कॉलेजों में ही दी जा सकेगी। 


रिसर्च डिग्री देने के लिए उपलब्ध संसाधनों और विश्वविद्यालय की आवश्यकताओं को पूरा करने पर ही कॉलेज ऑनर्स को अनुमति देगा।  यूजी डिग्री कोर्स अधिकतर स्कूलों में तीन साल के लिए जारी रहेगा। एनईपी लागू होने पर यूजी छात्रों को तीन या चार साल की अवधि में बीच में अपनी डिग्री को अधूरी छोड़ फिर से कुछ समय के बाद उसे पूरा करने की सुविधा होनी चाहिए। 

छात्र को यूजी सर्टिफिकेट एक वर्ष या दो सेमेस्टर पूरे करने पर मिलेगा। छात्र केवल चालिस क्रेडिट और वोकेशनल कोर्स के चार क्रेडिट प्राप्त करेंगे। यूजी डिप्लोमा विश्वविद्यालय से चार सेमेस्टर (दो वर्ष) पूरे करने पर 80 क्रेडिट और चार वोकेशनल कोर्स मिलेंगे। प्रमाणपत्र और डिप्लोमा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को तीन साल के भीतर फिर से अपनी डिग्री पूरी करने के लिए आवेदन करना होगा। विद्यार्थी को तीन वर्ष की डिग्री सात साल में मिलेगी। 

तीन वर्षीय यूजी डिग्री को पूरा करने के लिए विद्यार्थी को कम से कम 120 क्रेडिट मिलना होगा, जबकि चार वर्षीय यूजी डिग्री को पूरा करने के लिए विद्यार्थी को कम से कम 160 क्रेडिट मिलना होगा. इसके बाद विद्यार्थी को ऑनर्स और रिसर्च के साथ चार वर्षीय डिग्री मिल सकेगी। छात्रों को तीन वर्ष छह सेमेस्टर पूरे करने के बाद तीन अतिरिक्त पाठ्यक्रम पढ़ने का विकल्प मिलेगा, जिन्हें वे ऑनर्स या रिसर्च के रूप में चुन सकेंगे। 

यूजी की चार वर्षीय रिसर्च डिग्री में सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को प्रवेश मिलेगा, जिन्होंने पहले छह सेमेस्टर में तीन साल में 75% या इससे अधिक अंक हासिल किए होंगे। ऐसे विद्यार्थियों को कॉलेज या विश्वविद्यालय की फैकल्टी के तहत अध्ययन करना होगा। उन्हें इसके बारह प्रशंसापत्र मिलेंगे। आनर्स में तीन विषयों में बारह क्रेडिट प्राप्त करने पर ही डिग्री मिल सकेगी। 

चार वर्ष की ऑनर्स या विद रिसर्च डिग्री के लिए कॉलेज में दो स्थायी पीएचडी सुपरवाइजर (पुस्तकालय, जर्नल, कंप्यूटर लैब और सॉफ्टवेयर) और फैकल्टी होनी चाहिए। विद्यापीठ के अधिष्ठाता अध्ययन और एनईपी-2020 लागू करने को बनी कोर कमेटी के अध्यक्ष बीके शिवराम ने कहा कि विद्यापीठ एनईपी के डाक्यूमेंट के अनुसार चार यूजी की चार वर्षीय आनर्स और रिसर्च डिग्री तैयार कर रहा है; यह कॉलेजों और शिक्षा विभाग पर निर्भर करेगा कि कौनसा कॉलेज कौनसी डिग्री देगा।

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