हिमाचल प्रदेश : - तीन साल में आबकारी विभाग ने 26 हजार करोड़ रुपये की कमाई की, जानें विस्तार से

 हिमाचल प्रदेश में राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने पिछले तीन वर्षों में 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित की है।

पिछले तीन वर्षों में राज्य कर एवं आबकारी विभाग का राजस्व संग्रह लगातार बढ़ा है। इन तीन वर्षों में विभाग ने 26,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व कमाया है। वर्ष 2022–2023 में 10,248.56 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। वर्ष 2024–25 में यह 10,880.57 करोड़ रुपये बढ़ गया। वर्तमान वित्त वर्ष 2025–26 में, विभाग ने सितंबर 2025 तक 5,536.30 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है।

विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि जीएसटी/एक्साइज/वेट/पीजीटी सहित अन्य करों से प्राप्त राजस्व 2022-23 की तुलना में लगातार बढ़ रहा है। यह सुधारित राज्य सरकार की कार्यकुशलता और अनुपालन का परिणाम है। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने विभाग की पारदर्शिता और प्रणाली को मजबूत करने के लिए विभिन्न सुधारों को लागू किया है। 2023-24 और 2024-25 में शराब ठेकों के आवंटन के लिए नीलामी-कमदृटेंडर प्रणाली इसमें शामिल है। इस पहल से आबकारी राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई। वर्ष 2022-23 के 2,147.04 करोड़ रुपये से बढ़कर यह 2023-24 में 2,631.30 करोड़ रुपये और वर्ष 2024-25 में 2,776.41 करोड़ रुपये हो गया।


बजट घोषणाओं के अनुसार, प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने शराब की प्रत्येक बोतल पर 10 रुपये का मिल्क सेस लगाया है। 2022–2023 में 144.84 करोड़ रुपये और 2024–2025 में 141.92 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त हुए, जो दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने और पशुपालकों को मदद करने के लिए खर्च किए गए। उन्हें बताया गया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2024-25 से प्राकृतिक खेती सेस लगाया गया, जिससे 24.62 करोड़ रुपये की आय हुई। डब्ल्यूडीए ने वर्ष 2025–26 के लिए भारतीय और विदेशी शराब के निर्यात पर प्रति लीटर 1.50 रुपये का सेस (बेसहारा, विधवा महिलाओं और दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों) लगाया है।


विभाग ने डिजिटल शासन की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अप्रैल 2023 में शुरू की गई एक्साइज एंड गवर्नेंस प्रोजेक्ट में पास और परमिट अब पूरी तरह ऑनलाइन जारी होते हैं और सभी शुल्कों का भुगतान डिजिटल माध्यम से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 में लंबे समय से लंबित प्रशासनिक सुधार के तहत विभाग में जीएसटी और एक्साइज के लिए अलग-अलग शाखाओं का गठन किया गया, जिससे विशेषज्ञता, प्रवर्तन और सेवा प्रदायगी में सुधार हुआ है। करदाताओं की सुविधा के लिए सितंबर 2024 में एक नया ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप शुरू किया गया, जिसके माध्यम से ई-रजिस्ट्रेशन, वैट और सीएसटी की ई-रिटर्न फाइलिंग, ऑनलाइन कर भुगतान, चेकपोस्ट पर ई-डिक्लरेशन, विभिन्न वैधानिक प्रपत्रों को ऑनलाइन जारी करना एवं सत्यापन जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। प्रवक्ता ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार की ओर से की गई यह पहल परिवर्तन के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की जन-कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता, विकास और व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

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