पंचायत चुनावों पर राज्यपाल शुक्ल ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया, कहा कि अनिल खाची ने एक बंद लिफाफे में रिपोर्ट दी
शुक्रवार को शिमला स्थित एजी ऑफिस में ऑडिट वीक का शुभारंभ करने पहुंचे राज्यपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त अनिल खाची ने आज मुझे एक बंद लिफाफे में रिपोर्ट दी है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में देरी पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। शुक्रवार को शिमला स्थित एजी ऑफिस में ऑडिट वीक का शुभारंभ करने पहुंचे राज्यपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त अनिल खाची ने आज मुझे एक बंद लिफाफे में रिपोर्ट दी है। पंचायत चुनावों को समय पर नहीं करना चिंता का विषय है। मंत्री कहते हैं कि चुनाव समय पर होने चाहिए, लेकिन अधिकारी और सात जिलों के डीसी कहते हैं कि ऐसा अभी नहीं हो सकता। राज्यपाल ने कहा कि मंत्री अधिकारी या बड़ा है।
राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव देर से होने से अस्थिरता फैल जाएगी। हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव सरकार और निर्वाचन आयोग मिलकर करेंगे। दोनों को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। उनका कहना था कि सरकार के मंत्री कहते हैं कि चुनाव समय पर होंगे, लेकिन सात जिलों के डीसी ने चुनाव करवाने के लिए हालात खराब होने का हवाला दिया है। दोनों दावे एक दूसरे से विपरीत हैं। ऐसा होना नहीं चाहिए। उन्हें बताया गया कि शुक्रवार सुबह ही राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची ने उनसे मुलाकात की है। उनकी रिपोर्ट भी एक बंद लिफाफे में थी।
'कानून व्यवस्था का बिगड़ना चिंताजनक'
अभी उन्होंने रिपोर्ट को देखा नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का बिगड़ना चिंताजनक है। देवभूमि हिमाचल में इस प्रकार की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। सरकार प्राथमिकता के आधार पर स्थिति को संभाले। हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है, सरकार को देवभूमि की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए।
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