हाईकोर्ट में अनिवार्य शिक्षा के अधिकार की घोषणा को नए सिरे से चुनौती दी जाएगी
याचिकाकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 6 से 14 साल के बच्चों के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार को लेकर प्रदेश सरकार की अधिसूचना को फिर से चुनौती दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देने वाली अधिसूचना को हाईकोर्ट में फिर से चुनौती दी जाएगी। याचिकाकर्ताओं के वकील ने न्यायालय को बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 24 जुलाई को बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देते हुए हिमाचल प्रदेश नियम 2025 पारित किया था। याचिकाकर्ता अब इन नियमों को चुनौती देना चाहते हैं।
याचिकाकर्ताओं की मांग को न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने स्वीकार कर ली है। स्कूलों को बंद करने का आदेश याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सरकार ने 25 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों को नजदीक के स्कूलों में विलय करने का आदेश दिया है, अधिवक्ता ने बताया। 2010 के केंद्र सरकार के रूल्स में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है।
उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यह रूल्स नहीं बनाए गए हैं। यहां दूरदराज के क्षेत्रों में, जहां सड़कें अभी भी नहीं हैं, बसों की सुविधा नहीं है। राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए नियम ऐसे हालात में उचित नहीं हैं। 6 से 14 साल के बच्चों को संविधान की धारा 21 ए के तहत निशुल्क शिक्षा का अधिकार है।
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