देवभूमि संघर्ष समिति ने आमरण अनशन शुरू किया, बिजली और पानी का कनेक्शन काटने की मांग करते हुए
देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली पुलिस थाने के बाहर आमरण अनशन शुरू किया है। समीति के अनुसार, अदालत ने मस्जिद को गिराने का आदेश तक दिया है। मस्जिद का बिजली और पानी का कनेक्शन इसके बावजूद नहीं काटा गया है।
देवभूमि संघर्ष समिति ने मंगलवार को राजधानी शिमला में संजौली पुलिस थाने के बाहर आमरण अनशन शुरू किया। समिति का दावा है कि अदालत ने विवादित और अवैध मस्जिद को हटाने में प्रशासन देरी कर रहा है। संगठन ने नमाज करने से रोकने और समिति के छह सदस्यों पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने की भी मांग की है।
बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं काटा
अदालत ने संजौली मस्जिद को अवैध घोषित किया, जैसा कि समिति के सह-संयोजक विजय शर्मा और सदस्य विकास थापटा ने कहा। यही नहीं, अदालत ने उसे गिराने का भी आदेश दिया है। मस्जिद का बिजली और पानी का कनेक्शन इसके बावजूद नहीं काटा गया है। उनका आरोप था कि प्रशासन और नगर निगम जानबूझकर कुछ नहीं कर रहे हैं। संघर्ष समिति के सदस्यों को गलत मामलों में फंसाकर पीटा जा रहा है।
24 घंटे के भीतर एफआईआर ली जाए वापस
संघर्ष समिति ने कहा कि पिछले हफ्ते मस्जिद में बाहरी राज्यों से लोगों ने नमाज पढ़ी। नमाज पढ़ने से इन लोगों को रोकने के दौरान हुए विवाद में पुलिस ने उनके छह सदस्यों पर गलत तरीके से समुदाय की भावनाएं आहत करने की धाराओं में केस दर्ज किया है। समिति चाहती है कि एफआईआर को 24 घंटे के भीतर वापस लिया जाए और मस्जिद को गिराने का कार्य तुरंत शुरू किया जाए।
मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति दे रहा था प्रलोभन
विजय शर्मा ने दावा किया कि न्यायालय का आदेश स्पष्ट है। प्रशासन को जल्दी करना चाहिए। प्रशासन भी नहीं जानता था कि शुक्रवार को ऐसा बड़ा आंदोलन होगा, यदि पुलिस और प्रशासन जल्दी कार्रवाई नहीं करते हैं। समिति के सदस्यों ने यह भी कहा कि एक मुस्लिम व्यक्ति उन्हें प्रलोभन देकर पीछे हटाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वे बेचने वाले नहीं हैं। वे संघर्ष करेंगे।
मस्जिद विवाद की पूरी टाइमलाइन कुछ इस प्रकार है। 2023
नगर निगम आयुक्त की अदालत ने वक्फ बोर्ड को सूचना दी।
केस शुरू होता है; अवैध निर्माण की शिकायत पर सुनवाई शुरू होती है। वक्फ बोर्ड ने मालिक होने का दावा किया।5 सितंबर 2024
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