श्री श्री रविशंकर बोले - हिमाचल प्रदेश में आर्ट ऑफ लिविंग एक ऑस्टियोपैथी कॉलेज खोलने का इच्छुक है

 मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर के साथ कांगड़ा जिले के पालमपुर के निकट गुजरेहड़ा स्थित पंजपीरी शीतला माता मंदिर में पूजा-अर्चना की। नवनिर्मित मंदिर में वे दीप प्रज्वलित कर श्री श्री रविशंकर से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मुख्यमंत्री ने श्री श्री रविशंकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह शांति, सहिष्णुता और मानवीय मूल्यों को दुनिया भर में बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। युवा पीढ़ी उनकी शिक्षाओं और विचारों से नई प्रेरणा और दृष्टिकोण पाई है। उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश को गर्व है कि वह धौलाधार की गोद में "कैलाश आश्रम" बनाया है, जहां दुनिया भर से अनुयायी नई ऊर्जा पाने आएंगे।


सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को "देवभूमि" कहा जाता है क्योंकि यह बहुत से देवताओं का घर है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि गुज़रेहरा संपर्क मार्ग को पक्का किया जाएगा ताकि की आर्ट ऑफ़ लिविंग के अनुयायियों को इस क्षेत्र में आने-जाने में कोई असुविधा न हो।


श्री श्री रविशंकर ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी गहरी आस्था ने उन्हें ‘देवभूमि’ के लोगों की सेवा करने का अवसर दिया है। उन्होंने बताया कि आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के ठीक सामने बड़ा पंजपीरी शीतला माता मंदिर बनाया गया है। उनका कहना था कि साधना करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ईश्वर हमसे दूर नहीं हैं, बल्कि वे हमारे भीतर रहते हैं।


श्री श्री रविशंकर ने कहा कि उनका संगठन हिमाचल प्रदेश में एक ऑस्टियोपैथी कॉलेज बनाना चाहता है, ताकि स्थानीय युवा इस आधुनिक उपचार प्रणाली को सीखकर स्थायी आजीविका अर्जित कर सकें। उनका कहना था कि समाज नवीन और पारंपरिक तरीकों को अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए।

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