हिमाचल प्रदेश : - भाखड़ा बांध अभी भी 316 साल पुराना है: बीबीएमबी के प्रमुख इंजीनियर

 गोबिंद सागर झील में गाद की मात्रा बढ़ने के बावजूद भाखड़ा बांध मजबूत है। इस वर्ष, अधिक जलस्तर के कारण बांध की डिफ्लेक्शन (झुकाव) में केवल 0.01 इंच का छोटा बदलाव देखा गया, जो तकनीकी रूप से पूरी तरह सुरक्षित है।

भाखड़ा बांध अभी भी आने वाले 316 साल के लिए मजबूत है। गोबिंद सागर झील में गाद बढ़ने के बावजूद यह बांध से लगभग 10 किलोमीटर दूर है। इसलिए इससे डैम की संरचना को कोई खतरा नहीं है। इस बार राज्य में सामान्य से अधिक बारिश हुई, इसलिए गोबिंद सागर झील लंबे समय तक भरी रही। इस समय पानी का आउटफ्लो कम था और इनफ्लो अधिक था। इस वर्ष, अधिक जलस्तर के कारण बांध की डिफ्लेक्शन (झुकाव) में केवल 0.01 इंच का छोटा बदलाव देखा गया, जो तकनीकी रूप से पूरी तरह सुरक्षित है।

डिफ्लेक्शन स्वचालित हो जाएगा जैसे ही पानी का स्तर 1645 फीट पर पहुंच जाएगा। हालाँकि, सिंचाई के लिए पानी की मांग कम है। इसलिए जलस्तर क्रमशः सामान्य हो रहा है। बीबीएमबी ने राज्य सरकार के साथ मिलकर झील से बड़े पैमाने पर गाद निकालने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। फ़ाइल बनाया जा रहा है। अगले महीने विधानसभा से इसे मंजूरी दिलाने की योजना है। झील के बड़े हिस्से से बाद में गाद हटाया जाएगा। बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर सीपी सिंह ने कहा कि झील में जमा होने वाले पानी का इस समय पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है, लेकिन इससे बांध की कार्यप्रणाली या मजबूती पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।

उनका कहना था कि बांध तकनीकी रूप से पूरी तरह से सुरक्षित है और गाद का कोई बुरा प्रभाव नहीं है। BBMP ने कहा कि झील में गाद की समस्या को स्थायी रूप से हल किया जा रहा है। केंद्रीय सरकार के साथ मिलकर सेडिमेंट यूटिलाइजेशन (गाद उपयोग) पर नया कानून बनाया जा रहा है। इस दिशा में बीबीएमबी ने केंद्र सरकार को एक विस्तृत पॉलिसी प्रस्ताव भेजा है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। BBMP ने गोबिंद सागर झील के लुहणू क्षेत्र से गाद निकालने के लिए एक साल पहले पूरा टेंडर बनाया है। प्रदेश सरकार की पॉलिसी नहीं होने के कारण यह अब तक नहीं जारी किया गया है। BBMP ने भी हाल ही में टेक्निकल कोऑर्डिनेशन मीटिंग (TCM) की है। राज्य सरकार ने बैठक में बीबीएमबी से मंजूरी प्रक्रिया में आगे बढ़ने के लिए फाइल तैयार करने को कहा।

आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने अध्ययन किया

आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ भी गाद के रूप, उपयोगिता, सुरक्षित निष्कासन और जल-प्रबंधन मॉडल पर तकनीकी अध्ययन कर रहे हैं। इनकी रिपोर्ट पॉलिसी लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

गाद निकलने पर 12 महीने तक वाटर स्पोर्ट्स खेल जारी रहेंगे

वर्तमान में गोबिंद सागर झील में गाद की मात्रा अधिक होने के कारण वाटर स्पोर्ट्स कार्यक्रमों को तीन से चार महीने की देरी होती है। लुहणू क्षेत्र से गाद निकालने से झील की गहराई और आकार दोनों बढ़ेंगे, जिससे 12 महीने तक वाटर स्पोर्ट्स खेले जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को नौकरी मिलेगी और पर्यटन बढ़ेगा।

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