दूसरे पति की मौत के बाद लौटने पर पहले पति से 20 हजार रुपये मासिक गुजारा भत्ता की मांग की, लेकिन अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक महिला ने अपने पूर्व पति से न्यायालय में जाकर 20 हजार रुपये प्रतिमाह का गुजारा भत्ता मांगा था। महिला की शिकायत बिलासपुर फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दी है। साथ ही कहा कि व्यभिचार में रहकर दूसरे व्यक्ति की पत्नी बनने वाली महिला को पहले पति से गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा।
महिला के रखरखाव भत्ते की मांग को बिलासपुर फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दी है। महिला ने अपने पूर्ववर्ती पति से अदालत में जाकर 20 हजार रुपये प्रति महीने का गुजारा भत्ता मांगा था। मामले का निर्णय देते हुए अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि व्यभिचार में रहकर दूसरे व्यक्ति की पत्नी बनने वाली एक महिला को अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता लेने का कोई अधिकार नहीं है।
महिला करीब 28 साल पहले अपने पति को छोड़कर दूसरे व्यक्ति से शादी कर चुकी थी। उस व्यक्ति की भी मौत हो गई, तो महिला ने वापस लौटकर अपने पहले पति से 20 हजार रुपये प्रति महीने की मदद मांगी। महिला ने प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट में चल रहे मामले में कहा कि वह पति की कानूनी रूप से वैध पत्नी है और पति ने उसे एक वर्ष से कोई गुजारा भत्ता नहीं दिया।
उसने कहा कि उसके पति के पास सत्तर बीघा जमीन है; कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के लिए 1.50 करोड़ रुपये मिल चुके हैं; और भानुपल्ली-बिलासपुर रेलवे लाइन के लिए लगभग आठ से नौ बीघा जमीन जा रही है, जिससे उसे लगभग चार करोड़ रुपये मिलेंगे। इसलिए वह आसानी से हर महीने २० हजार रुपये दे सकता है। पति का उत्तर बहुत कुछ बताया। पति ने बताया कि पत्नी करीब 28 साल पहले घर छोड़कर साधु जरनैल सिंह के साथ पंजाब के कपूरथला जिले के गांव संगोजला में रहने लगी थी। वहाँ उसने अपना नाम बदलकर लक्ष्मी रख लिया और जरनैल सिंह की पत्नी के रूप में रहने लगी। जरनैल सिंह की मौत के बाद उसका सारा माल भी उसी ने ले लिया।
पति ने कोर्ट को बताया कि 2016 में साधु जरनैल सिंह की मौत के बाद उसे वहां धमकियां मिल रही हैं, इसलिए उसे वापस ले जाया जाए। पति महिला को वापस ले आने के लिए पंजाब गया, साथ में परिवार और पंचायत। तब से वह उसके साथ रह रही है और उसे घर में दो कमरे, शौचालय और बाथरूम भी दिए गए हैं। पति ने कोर्ट को दिखाया कि पंजाब सरकार के राशन कार्ड में महिला जरनैल सिंह की पत्नी लक्ष्मी का नाम है। लक्ष्मी पत्नी जरनैल सिंह के नाम से भी विधवा पेंशन फॉर्म भरा गया है।
वह जरनैल सिंह की पत्नी के रूप में आधार कार्ड, वोटर आईडी और पंचायत रिकॉर्ड में दर्ज है। यह भी गांव संगोजला की ग्राम पंचायत ने प्रमाणित किया कि वह जरनैल सिंह की पत्नी थी। धारा 125(4) सीआरपीसी के तहत व्यभिचार में रहने वाली पत्नी को भरण-पोषण नहीं मिल सकता, न्यायालय ने 17 नवंबर 2025 को निर्णय दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार करने वाली पत्नी को, पति कितना भी अमीर हो, गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता। पति ने पंचायत प्रधान और अपने बेटे को गवाह बनाया, जबकि महिला ने अपने दावे के समर्थन में सिर्फ अपना बयान दिया। महिला की भरण-पोषण की मांग अदालत ने खारिज कर दी।
2016 से पहले पति के साथ नहीं थी महिला
अदालत ने कहा कि महिला ने खुद स्वीकार किया कि वह 2016 से पहले पति के साथ नहीं थी और दस्तावेजों से साबित है कि वह दूसरे व्यक्ति की पत्नी बनकर रही। सिर्फ इसलिए कि पति ने भी दूसरी शादी कर ली थी, महिला को भी दूसरी शादी करने या व्यभिचार करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।
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