हिमाचल विधानसभा : - उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एकमुश्त बजट सीवरेज योजनाओं को लागू नहीं कर सकता
वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया, सतपाल सिंह सत्ती और बलवीर वर्मा ने सीवरेज योजनाओं के लिए बजट नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। जिस पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सीवरेज योजनाओं को एक बार में बजट नहीं मिल सकता है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सीवरेज योजनाओं को एकमुश्त बजट जारी नहीं हो सकता। नाबार्ड के तहत विधायक प्राथमिकता में ऐसे निर्माण शामिल करने चाहिए। राज्य के कोष पर विधायक निर्भर ना रहें। धीरे-धीरे पैसा जारी होने के कारण 15-20 साल में काम पूरे हो रहे हैं। वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया, सतपाल सिंह सत्ती और बलवीर वर्मा ने सीवरेज योजनाओं के लिए बजट न मिलने का मामला उठाया।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार से उदार वित्तीय सहायता मिली तो अगले बजट में प्रावधान किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऊना के पीजीआई सेंटर के लिए पर्यावरण मंजूरी हमारी सरकार ने दिलाई है। जो भी केंद्र सरकार की योजनाएं हैं, उनमें हमसे कमिटमेंट ली जाती है कि आपको तभी पैसा दिया जाएगा, जब आप इन-इन चीजों के लिए पैसा जमा करवाएंगे। पीजीआई सैटेलाइट सेंटर के लिए 30 करोड़ रुपये फॉरेस्ट को, 15 करोड़ पानी और 10 करोड़ रुपये और देंगे। केंद्र सरकार कुल खर्चा करती है 80 करोड़ रुपये, उसमें से 50 प्रतिशत राज्य का चला जाता है। वहां सीवरेज के लिए एक करोड़ रुपये दे दिए हैं।
इससे पूर्व मुकेश कहा कि प्रदेश में 742 करोड़ की लागत से बनने वाली सीवरेज योजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास इतना अधिक बजट नहीं है। ऐसे में भाजपा विधायकों को केंद्र सरकार से पैसा मंजूर करवाना चाहिए। सीवरेज की योजनाओं को राज्य के खाते में नहीं डालना चाहिए। नाबार्ड के माध्यम से योजनाओं की फंडिंग करनी चाहिए। इससे पूर्व भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि ऊना के पीजीआई सेटेलाइट सेंटर का पूरा काम हो गया है। सिर्फ सीवरेज कनेक्शन न होने से सुविधा शुरू नहीं हो पा रही है।
विधायक बलवीर सिंह वर्मा ने कहा कि चौपाल और नेरवा के लिए डीपीआर तैयार है। बजट जारी नहीं होने से काम बंद पड़ा है। विधायक जनकराज ने कहा कि भरमौर में सड़कें खोद दी गईं, लेकिन सीवरेज की पाइपें नहीं बिछाई गई। जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं में ठेकेदारों को पहले पाइपें खरीदने का अधिकार पूर्व सरकार के समय से दिया गया है। ऊना के पीजीआई सेंटर के लिए 3.55 करोड़ रुपये जारी करने के लिए मुख्यमंत्री से बात की जाएगी।
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