हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट : - जिला परिषद और पंचायत समितियों के पुनर्सीमांकन को लेकर किया गया संशोधन खारिज, असांविधानिक अनुबंध
हिमाचल हाईकोर्ट ने जिला परिषद और पंचायत समितियों के पुनर्सीमांकन को लेकर पंचायती राज अधिनियम में किए गए संशोधन को असांविधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायती राज अधिनियम में जिला परिषद और पंचायत समितियों के पुनर्सीमांकन को लेकर किए गए संशोधन को असांविधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया है। अदालत ने संशोधन को लेकर 8 जनवरी, 15 फरवरी, 1, 17 और 31 मई 2025 को जारी अधिसूचनाओं को भी रद्द कर दिया है और प्रतिवादियों और सक्षम प्राधिकारी को आदेश दिया कि इस मामले में कानून के अनुसार जल्द उचित कदम उठाएं।
न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने पाया कि नियम 9(2) में किया गया संशोधन पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है और इसका मकसद अनुच्छेद 243 सी और अधिनियम की धारा 89 के तहत क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के उद्देश्य को विफल करना है। अदालत ने याचिकाकर्ता की आपत्तियों पर बिना कोई आदेश पारित किए शिमला मंडलायुक्त के 24 जून 2025 के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने रिकॉर्ड के विपरीत पाया कि मंडलायुक्त ने आदेश में ऐसे तथ्यों को दर्ज किया जो मौजूद ही नहीं थे। कोर्ट ने कहा कि पंचायत चुनाव की तारीख घोषित नहीं हुई है और तत्काल चुनाव की कोई संभावना नहीं है, इसके बावजूद सरकार पंचायतों और स्थानीय निकायों के पुनर्गठन और परिसीमन के निर्णय ले रही है, जिससे चुनाव क्षेत्रों की सीमाएं बदल रही हैं।
अदालत ने चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग और हिमाचल सरकार के बीच चल रही रस्साकसी का भी उल्लेख किया। आयोग ने 17 नवंबर 2025 को अधिसूचना जारी कर पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता 2020 के खंड 12(1) को लागू किया था। इसके तहत चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक पंचायतों और नगरपालिकाओं की संरचना, वर्गीकरण और क्षेत्र में बदलाव पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद ग्रामीण विकास विभाग ने 28 नवंबर को अधिसूचना जारी कर हमीरपुर जिले में विकास खंडों का पुनर्गठन कर दिया।
हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (चुनाव) नियम 1994 के नियम 9(2) में संशोधन को याचिकाकर्ता ने असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी है। उन्होंने संशोधन और उसके बाद जारी की सभी अधिसूचनाओं को रद्द करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि नियम 9(2) का संशोधन जिसके तहत परिसीमन के लिए पंचायत समिति क्षेत्र को एक इकाई माना गया और जिला परिषद वार्ड पंचायत समिति की सीमाओं का उल्लंघन नहीं कर सकते है।
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