हिमाचल प्रदेश आने वाले पर्यटकों, खासकर दिल्ली और चंडीगढ़ से आने वाले सीएनजी वाहन धारकों के लिए राहत की खबर है। अब कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बलोह से सिस्सु तक लगभग 40 किलोमीटर के अंतराल में सीएनजी भरवाने की सुविधा होगी।
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बलोह से लेकर सिस्सु तक लगभग 40 किलोमीटर के अंतराल में सीएनजी भरवाने की सुविधा उपलब्ध होगी। यह कदम हिमाचल आने वाले पर्यटकों विशेषकर दिल्ली और चंडीगढ़ से आने वाले सीएनजी वाहन धारकों के लिए राहत वाला है। मनाली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती वाहन संख्या और प्रदूषण की समस्या को देखते हुए यह परियोजना महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भारत सरकार की ओर से अधिकृत गैसोनेट कंपनी प्रदेश में तेजी से सीएनजी नेटवर्क विकसित कर रही है। कंपनी कुल 12 नए सीएनजी पंप स्थापित करेगी, जिनमें से कई कीरतपुर-मनाली फोरलेन और मंडी-पठानकोट हाईवे के महत्वपूर्ण स्थानों पर होंगे। कीरतपुर-मनाली फोरलेन के तहत बलोह-समलेहू पुल से धनोटू (सुंदरनगर बाईपास), धनोटू से मलोरी सुरंग (मंडी बाईपास), सौली खड्ड से पंडोह के बीच यह सीएनजी पंप खुलेंगे।
इसके अलावा नेरचौक से जाहू (मंडी-हमीरपुर हाईवे), मंडी से ऐहजू (मंडी-पठानकोट हाईवे), पुंघ से धनोटू (पुराना नेशनल हाईवे-21 मार्ग), बगला से मंडी शहर, डडौर से नागचला (पुराना एनएच-21 रोड), भुंतर से मणिकर्ण, भुंतर से कुल्लू (पुराना एनएच-21 मार्ग) पर भी सीएनजी सुविधा उपलब्ध करवाने की योजना चल रही है। वहीं, कुल्लू-मनाली नया मार्ग, मनाली से सिस्सू, अटल टनल के पास (मंडी-लेह हाईवे) पर भी यह सुविधा दी जानी प्रस्तावित है।
चार जिलों में सीएनजी स्टेशन खुलने से हिमाचल में भी सीएनजी वाहनों की खपत बढ़ेगी। मनाली, कुल्लू, लाहौल-स्पीति में सीएनजी उपलब्ध होने से स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को बढ़ावा मिलेगा। बढ़ते पर्यटक वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। पर्यावरण संवेदनशील इलाकों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह परियोजना उपयोगी होगी। लंबे रूट पर सीएनजी की उपलब्धता से पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को निर्बाध यात्रा सुविधा मिलेगी। आपात स्थिति में ईंधन के अभाव की समस्या कम होगी। लांग रूट कमर्शियल वाहनों को भी वैकल्पिक स्वच्छ ईंधन का विकल्प मिलेगा।
12 जगहों पर सीएनजी पंप खोलने के लिए प्रक्रिया जारी है। इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। मौजूदा डीलर भी जमीन उपलब्ध होने पर सीएनजी सुविधा ले सकते हैं। - अलख तिवारी, डिप्टी मैनेजर, प्रोजेक्ट लीड गैसोनेट।
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