दोषी को चरस तस्करी मामले में तीन साल का कारावास और 25 हजार रुपये का जुर्माना

एचआरटीसी बस में दोषी को 270 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया गया था। ढली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था और मामले की जांच के बाद अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया था।

चरस तस्करी के मामले में शिमला जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला देविंद्र कुमार की अदालत ने दोषी को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 25,000 रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर दोषी कमलेश कुमार को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी को पुलिस ने एचआरटीसी बस में 270 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया था। ढली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया और मामले की जांच पूरी होने के बाद अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। जानकारी के अनुसार मामला वर्ष 4 दिसंबर 2020 का है, जब विशेष अन्वेषण इकाई (एसआईयू) के प्रभारी एएसआई अंबीलाल की अगुवाई में ढली क्षेत्र में नियमित गश्त पर थी।

पुलिस की टीम ने कुफरी की ओर से आ रहे वाहनों की नियमित जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस ने कुफरी की ओर से आ रही एचआरटीसी बस नंबर एचपी 63 ए-4868 को तलाशी के लिए रोका। यह बस हरिद्वार से वाया नेरवा-चौपाल होकर शिमला आ रही थी। पुलिस ने आगे से सवारियों के सामान की जांच शुरू की। इस दौरान बस की सीट नंबर 6 पर युवक बैठा था जिसने एक बैग अपनी गोद में पकड़ा था। पुलिस ने जब युवक से सफर का कारण पूछा तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। युवक ने अपना नाम कमलेश कुमार निवासी गांव कुम्हारला डाकखाना टिकरी तहसील नेरवा जिला शिमला बताया।

पुलिस ने जब स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में बैग की तलाशी ली तो बैग के भीतर एक ऊनी जुराब का जोड़ा, एक मोबाइल चार्जर और एक एक थैली हल्की पीली रंग बरामद की। इसे खोलकर जांच की गई तो इसमें सफेद रंग की थैली में 270 ग्राम चरस बरामद की गई। पुलिस ने चरस को कब्जे में लेने के बाद आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत ढली पुलिस स्टेशन में केस दर्जकर किया। मामले को आगामी जांच के लिए संबंधित थाने के जांच अधिकारी के सुपुर्द किया गया है। ढली पुलिस स्टेशन की टीम ने मामले के हर पहलू की गहनता से जांच के बाद आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने सुनवाई के दौरान सभी गवाहों और साक्ष्यों को मद्देनजर रखते हुए अभियुक्त को दोषी करार दिया है।

चरस तस्करी मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज

ठियोग पुलिस ने 21 जुलाई को 2.290 किलोग्राम चरस के साथ पकड़ी गई कार के चालक राहुल वर्मा निवासी ठियोग की नियमित जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश द्वितीय शिमला यजुवेंद्र सिंह की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के सख्त प्रावधानों को देखते हुए तथा अभी अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही बाकी होने के कारण इस स्तर पर जमानत देना उचित नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि वह इस धारा के कठोर प्रावधानों से पीछे नहीं हट सकती। न्यायाधीश ने जमानत अर्जी को मेरिट रहित बताते हुए खारिज कर दिया है। मामला ठियोग पुलिस के स्टेशन का है। 21 जुलाई 2025 की शाम करीब 7:10 बजे ठियोग पुलिस की टीम गश्त पर थी। पुलिस को सूचना मिली कि एक अल्टो कार में 2 से 3 लोग मतियाना-बड़ागांव मार्ग पर ट्रक चालकों तथा पर्यटकों को चरस बेच रहे हैं।

पुलिस ने रौणी गांव के पास कार को रोका तो आगे वाली सीट और पीछे दाहिनी सीट पर बैठे दो लोग खिड़कियां खोलकर भाग गए। चालक राहुल वर्मा को मौके पर पकड़ लिया गया। कार की तलाशी में ड्राइवर सीट के नीचे रंग-बिरंगा बैग मिला। इसमें 2.290 किलो चरस बरामद की गई। मौके पर ही इलेक्ट्रॉनिक कांटा भी बरामद हुआ था। बाद में अक्षय केवला और दूसरे आरोपी राहुल ने 24 जुलाई को सरेंडर कर दिया। राहुल वर्मा की ओर से वकील ने दलीलें दीं कि मैंने सिर्फ दो परिचितों को लिफ्ट दी थी, चरस मेरी नहीं थी। मेरे पास से कोई रिकवरी नहीं हुई। अदालत ने कहा कि चरस ड्राइवर सीट के ठीक नीचे मिली है। कार मालिक और ड्राइवर खुद राहुल वर्मा था। इससे उसकी सक्रिय भागीदारी स्पष्ट है।

निजी बैंक का सुरक्षा कर्मचारी चिट्टे के साथ गिरफ्तार
 जिला पुलिस के डिटेक्शन सेल ने निजी बैंक के सुरक्षा कर्मी को चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान कर्ण घई निवासी कृष्णानगर के रूप में हुई है। सदर पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार गुरुवार रात को 11:00 बजे डिटेक्शन सेल की टीम एएसआई पुनीत शर्मा की अगुवाई में पुराना बस स्टैंड के समीप गश्त कर रही थी। इस दौरान पुलिस की टीम ने आरोपी को शक के आधार पर तलाशी के लिए रोका। इस दौरान आरोपी के कब्जे से 5.860 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। सदर पुलिस स्टेशन ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है।


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