सीएम सुक्खू ने कहा कि तीन साल में 21 हजार कर्मचारियों ने सेवानिवृत्ति पर ओपीएस को चुना।

 सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट में 1.36 लाख कर्मियों को ओपीएस दिया था। केंद्र सरकार ने पहले हिमाचल प्रदेश पर 1,600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार सीमा बंद कर दी, जो इसका वित्तीय प्रभाव था। सीएम ने बताया कि अभी 5,356 कर्मचारियों को ओपीएस मिल रहा है।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के सवाल का जवाब दिया। सीएम ने कहा कि पहली कैबिनेट में 1.36 लाख कर्मियों को हमारी सरकार ने ओपीएस दी। इसका वित्तीय असर सबसे पहले यह पड़ा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल की 1,600 करोड़ की अतिरिक्त उधार सीमा बंद कर दी। सीएम ने कहा कि 5,356 कर्मचारियों को अभी ओपीएस दे रहे हैं।

जैसे-जैसे कर्मचारी सेवानिवृत्त होते जाएंगे, सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता जाएगा। कहा कि हमने कर्मचारियों को ओपीएस राजनीतिक लाभ के लिए नहीं दी, उनकी सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर पहली कैबिनेट में पुरानी पेंशन लागू करने का फैसला लिया। कहा कि तीन साल में कुल 21 हजार कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त होने पर एनपीएस की जगह ओपीएस को चुना है।

सीएम ने कहा कि लंदन में बेटी के दाखिले के लिए अपने खर्च पर गए। चाय व खाना खाने का बिल भी ऑनलाइन अपने खाते से चुकाया। सदन में यह सवाल भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने पूछा था। परमार के अनुपस्थित होने पर मुख्यमंत्री ने प्रश्नकाल के बाद इसका जवाब दिया। 

नगर निगम द्वितीय संशोधन विधेयक 2025 पारित

 प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के सातवें दिन नगर निगम द्वितीय संशोधन विधेयक 2025 को पारित करने का प्रस्ताव सदन में रखा गया। इसके तहत नगर निगम के महापौर और उप महापौर के कार्यकाल को बढ़ाकर पांच साल कर दिया जाएगा। विपक्ष की गैर हाजिरी में इस विधेयक को सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके अलावा नगरपालिका द्वितीय संशोधन विधेयक 2025 को भी सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया।

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