जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में कमी, हिमाचल प्रदेश को 19 हजार करोड़ रुपये का घाटा

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधायक चंद्रशेखर के सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद हिमाचल प्रदेश को 19 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

जीएसटी लागू होने के बाद हिमाचल प्रदेश में राजस्व वृद्धि घटी है। 19 हजार करोड़ रुपये का प्रदेश को घाटा हुआ है। विधायक चंद्रशेखर के सवाल का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू है।  साल 2022-23 में एसजीएसटी की वसूली 5259.21 करोड़ रुपये, 2023-24 में 5339.89 करोड़, 2024-25 में 5816.61 करोड़ और 2025-26 में 31 अक्तूबर 2025 तक 3427.06 करोड़ रुपये रही। इस अवधि में कुल एसजीएसटी संग्रह 19,842.77 करोड़ रुपये रहा।

उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को करों में राज्य के हिस्से के रूप में 60,850.08 करोड़ जारी किए हैं। जीएसटी लागू होने से पहले वैट राजस्व लगभग 16 फीसदी वार्षिक दर से बढ़ रहा था। लेकिन, जीएसटी लागू होने के बाद यह वृद्धि घटकर सिर्फ 5 से 7 फीसदी रह गई। जीएसटी व्यवस्था के तहत 2015-16 को आधार वर्ष मानकर राज्य को प्रत्येक वर्ष 14 फीसदी की वृद्धि दर के अनुमान के आधार पर जून 2022 तक क्षतिपूर्ति दी जानी थी।   जून 2022 में क्षतिपूर्ति समाप्त होने के बाद प्रदेश को लगभग 19,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ है। यदि राजस्व वृद्धि वैट काल की 16 फीसदी वार्षिक दर से ही जारी रहती तो राज्य को 31 अक्तूबर 2025 तक लगभग 27,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता। 




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