आपदा पर लाई चर्चा मंगलवार को सदन में नियम 130 के तहत जारी रही। जयराम ने कहा कि केंद्र से कोई उपलब्धि नहीं मिली है। सत्ता पक्ष ने बार-बार कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में 1500 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया था। उनकी बातें पत्थर की लकीर हैं।
सत्ता पक्ष बार-बार कहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में 1500 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा। उनकी बातें पत्थर की लकीर हैं। हिमाचल को उनकी घोषणा के अनुसार यह धन मिलेगा। जब से आपदा आई है, सरकार अपने संसाधनों से राहत देने के बजाय केंद्रीय धन का इंतजार कर रही है।
सदन में नियम 130 के तहत आपदा पर लाई चर्चा को जारी रखा गया। जयराम ने कहा कि यह कहना कि केंद्र से कुछ नहीं मिला, सही नहीं है। हिमाचल प्रदेश को एसडीआरएफ के तहत 1280 करोड़ मिले। इसके बाद 320 और 1639 करोड़ रुपये अलग से मिले। पीडीएनए के तहत 2006 करोड़ रुपये मंजूर हुए। अब तक केंद्र से 5250 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। यह लोग क्या चाहते हैं कि प्रधानमंत्री के घोषित 1500 करोड़ रुपये जेब में आने चाहिए। मंडी क्षेत्र में दो महीने तक पोकलेन और जेसीबी लोगों ने बिना पैसे की लगाईं। अपनी मशीनें लगाकर वहां अपना पैसा डालकर सड़कों को खोला गया। जिन लोगों ने चेक दिए, उसकी डिटेल भेजी गई है।
सरकार के तीन साल साल का कार्यकाल पूरा होने पर मंडी में होने जा रहे कार्यक्रम पर कहा कि सबसे ज्यादा जहां नुकसान हुआ, वहां सरकार जश्न मना रही है। वहां पर नाटी भी डालेंगे। पानी की बोतल का खर्चा राजस्व विभाग की ओर से वहन किया जाएगा। इस पर मानवीय दृष्टि से सोचा जाना चाहिए। जयराम ने कहा कि वर्ष 2023 में आपदा आई तो राज्य सरकार की ओर से राहत राशि की एक किस्त जारी की गई है। उन्होंने पूछा कि घर बनाने के लिए आठ लाख रुपये जो आपदा प्रभावित लोगों को दिए जा रहे हैं, उनमें क्या केंद्र सरकार से आने वाला पैसा शामिल नहीं है। विधायक अपने घर जाते हैं तो सुबह-सुबह उनके आंगन लोगों से भरे होते हैं। सर्दी के मौसम में बगैर घरों के उनका जीवन मुश्किल हो गया है। कांग्रेस नेताओं के भाषण में जयराम ठाकुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही निशाने पर रहते हैं।
जयराम ने सीएम की ओर इशारा कर कहा-आप मंडी राहत देने नहीं आए। आप जयराम ठाकुर के खिलाफ बोलने के लिए मंडी आए। मैं 22 दिनों तक पैदल चला हूं। हम चंबा, कुल्लू, बिलासपुर आदि अभी जगहों पर गए। सबसे ज्यादा हम ही फील्ड में गए। आपने साढ़े चार हजार करोड़ के पैकेज का एलान किया। वास्तव में राहत देने का आंकड़ा 300 करोड़ रुपये का आंकड़ा भी नहीं छू सका।
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